Advertisement

मरे मच्छरों से भरी बोतल लेकर अदालत पहुंचा गैंगस्टर, बोला- जेल में मच्छरदानी की इजाजत दीजिए

गैंगस्टर ने मच्छरों से भरी बोतल दिखाकर अदालत से अनुरोध किया कि वह तलोजा केंद्रीय जेल के अंदर मच्छरदानी का उपयोग करने की अनुमति दें. हालांकि कोर्ट ने इस आवेदन को अस्वीकार कर दिया. जेल अधीक्षक ने मच्छरदानी के लिए लकड़ावाला द्वारा दायर आवेदन का कड़ा विरोध किया था. जेलर ने कहा कि महाराष्ट्र कारागार नियम के अध्याय-26 नियम-17 के अनुसार कैदियों को मच्छरदानी बांधने के लिए रस्सी और कील नहीं दी जा सकती.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
विद्या
  • मुंबई,
  • 04 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

हाल में मुंबई की सत्र अदालत में कुछ अजीब हुआ. दरअसल गैंगस्टर एजाज उर्फ ​​अज्जू युसूफ लकड़ावाला यहां कोर्ट में मरे हुए मच्छरों से भरी एक बोतल लाया. ये देखकर सब हैरान थे. मामला तब समझ आया जब उसने ये बोतल दिखाकर अदालत से अनुरोध किया कि वह तलोजा केंद्रीय जेल के अंदर मच्छरदानी का उपयोग करने की अनुमति दें. हालांकि कोर्ट ने इस आवेदन को अस्वीकार कर दिया.
लकड़ावाला को एक मामले में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत में लाया गया था जिसमें वह और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन आरोपी हैं. राजन दिल्ली के तिहाड़ केंद्रीय कारागार में बंद है और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई में पेश होता है.

Advertisement

'अधिकारियों ने छीन ली मच्छरदानी'

लकड़ावाला ने कहा कि जेल में मच्छरों की संख्या बहुत अधिक है और भेदभाव किया जा रहा है क्योंकि डीके राव जैसे अन्य गैंगस्टरों को मच्छरदानी की अनुमति दी जा रही है जबकि उन्हें नहीं दी जा रही है. लकड़ावाला ने कहा कि उनके पास दो साल तक मच्छरदानी थी लेकिन जेल अधिकारियों ने उसे छीन लिया.

'मच्छरदानी बांधने के लिए नहीं दे सकते रस्सी और कील'

विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल ने तलोजा सेंट्रल जेल के अधिक्षक द्वारा दायर रिपोर्ट का अध्ययन किया.  दरअसल, जेल अधीक्षक ने मच्छरदानी के लिए लकड़ावाला द्वारा दायर आवेदन का कड़ा विरोध किया था. जेलर ने कहा कि महाराष्ट्र कारागार नियम के अध्याय-26 नियम-17 के अनुसार कैदियों को मच्छरदानी बांधने के लिए रस्सी और कील नहीं दी जा सकती. उन्होंने आगे कहा कि कैदियों की सुरक्षा के लिए नेट उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है. जेलर ने कहा कि कैदी ओडोमोस और अन्य मच्छर भगाने वाली चीजों का उपयोग कर सकते हैं. इस तरह उन्होंने कोर्ट से आवेदन को अस्वीकार करने के लिए प्रार्थना की. 

Advertisement

'ओडोमोस और प्राकृतिक क्रीम लगाओ'

इसके बाद न्यायाधीश पाटिल ने मच्छरदानी के लिए लकड़ावाला की दलील को खारिज कर दिया और उनसे मच्छर भगाने के लिए ओडोमोस और अन्य प्राकृतिक क्रीम का इस्तेमाल करने को कहा. बता दें कि मुंबई की विभिन्न अदालतों में तलोजा जेल के कैदियों की ओर से मच्छरों की शिकायत करने वाले आवेदन आ रहे हैं. हालांकि गैंगस्टर डीके राव जैसे कुछ ही हैं जिनके पास मच्छरदानू का उपयोग करने के लिए अदालत की अनुमति है और इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं.

एल्गर परिषद के आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बडे ने कुछ हफ्ते पहले वकील दीपा पुंजवानी के माध्यम से एक आवेदन दायर किया था जिसमें कहा गया था कि वह अस्थमा से पीड़ित हैं और तलोजा जेल अस्पताल में बंद होने के कारण ओडोमोस और अन्य मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करने में असमर्थ हैं और इसलिए उन्हें मच्छरदानी का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए. हालांकि जेल अधिकारियों को अभी मुंबई में एनआईए अदालत के समक्ष उस याचिका का जवाब देना बाकी है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement