
महाराष्ट्र में मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में मंगलवार को नालासोपारा के एक वर्षीय रयेश गुप्ता की मौत के बाद शहर में खसरे से जुड़ी मौत का आंकड़ा 11 हो गया है.11 मृतकों में आठ मुंबई के, दो भिवंडी और 1 नालासोपारा से है. डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने में देरी हुई थी क्योंकि परिवार घरेलू उपचार की कोशिश में लगा था.
बच्चा नालासोपारा (ई) का रहने वाला था और उसे खसरे का टीका नहीं लगा था. बच्चे को 14 नवंबर से कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुरुआत में, उसमें ब्रोन्कोपमोनिया का पता चला था और इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
बीते मंगलवार को लड़के ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया.मृत्यु के लिए "ब्रोंकोपमोनिया के साथ खसरे के एक मामले में तीव्र श्वसन विफलता" को जिम्मेदार ठहराया गया.रायेश के परिवार ने डॉक्टरों को सूचित किया कि वह एक महीने से अधिक समय से बीमार था.
रायेश को 5 नवंबर को एक निजी अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी, लेकिन उसके चेहरे पर लाल चकत्ते पड़ गए थे, जो दो दिनों के भीतर उसके पूरे शरीर में फैल गए.जिसके बाद उसके परिवार ने उन्हें नीम के पत्तों से पंखा करने जैसे घरेलू नुस्खे अपनाए.अचानक बच्चे का बोलना बंद होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. इस बीच, सोमवार को 12 मामलों के साथ मुंबई में पुष्टि किए गए खसरे के मामलों की संख्या 220 हो चुकी है.
बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मुंबई में खसरे के मामलों में बढ़ोतरी का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक टीम की नियुक्ति करने का फैसला लिया है. बता दें देश की आर्थिक राजधानी में इन दिनों खसरे के बहुत से मामले सामने आए हैं. यह टीम सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता करेगी और जरूरी नियंत्रण और रोकथाम उपायों के संचालन की सुविधा प्रदान करेगी.