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महाराष्ट्र: धूमधाम से हुआ कुत्ते के बच्चे का नामकरण, पूरे गांव ने की रस्में और गाए गीत

5 सालों से गांव में एक कुतिया रहती है, उसके सीधे स्वभाव के कारण वो गांव में सबकी प्यारी हो गई. मोहल्ले के सभी घरों से उसे खाने को दिया जाता था, हाल ही में इस कुतिया ने बच्चों को जन्म दिया तो गांव वालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा. गांव में रहने वाली अनुसया सहारे ने इस बच्चे की देखभाल करने का जिम्मा लिया और गांव के रविंद्र प्रधान और मनोज सहारे ने अपने खर्चे पर कुत्ते के बच्चे का नामकरण विधि करने का फैसला लिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास राजूरकर
  • मुंबई,
  • 19 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

महाराष्ट्र के चंद्रपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जायेंगे. शायद आप को यकीन भी न हो, लेकिन हम जो बता रहे है वो बिलकुल सच है. किसी के घर में कोई बच्चा पैदा हुआ तो घर में ख़ुशी का माहौल रहता है परिवार वाले बड़े ही धूम धाम से नामकरण विधि करते हुए बच्चे का नाम रखते है. ये तो अपने देखा और सुना होगा  लेकिन चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी तहसील के किन्ही गांव में एक कुत्ते के बच्चे का नामकरण पुरे धूम धाम से गाजे बजे के साथ महाराष्ट्रियन परंपरा के मुताबिक किया गया, है न हैरान करने वाली बात? हां ये सच है.

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दरअसल पिछले 5 सालों से गांव में एक कुतिया रहती है, उसके सीधे स्वभाव के कारण वो गांव में सबकी प्यारी हो गई. मोहल्ले के सभी घरों से उसे खाने को दिया जाता था, हाल ही में इस कुतिया ने बच्चों को जन्म दिया तो गांव वालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा. गांव में रहने वाली अनुसया सहारे ने इस बच्चे की देखभाल करने का जिम्मा लिया और गांव के रविंद्र प्रधान और मनोज सहारे ने अपने खर्चे पर कुत्ते के बच्चे का नामकरण विधि करने का फैसला लिया.

गांव के हनुमान मंदिर परिसर में नामकरण विधि का कार्यक्रम आयोजित किया गया, पुरे गांव को न्योता दिया गया. गाजा बाजा, माइक, डेकोरेशन सभी का इंतजाम किया गया. गांव के लोग जुट गए और शुरू हो गया कुत्ते के बच्चे का नामकरण विधि का कार्यक्रम. यहां कमी थी तो एक फोटोग्राफर की तो वो भी गांव के लोगों ने अपने मोबाइल पर पूरा कार्यक्रम रिकॉर्ड कर वो भी पूरी कर दी.

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महाराष्ट्रियन संस्कृति के मुताबिक हिन्दू रीतिरिवाज के साथ गीत गाते हुए महिलाओं ने कुत्ते के बच्चे का नाम "मोती और खंडोबा" रखा. इस अनोखे नामकरण कार्यक्रम को देखने पूरा गांव जुट गया था. महिलायें नामकरण विधि में गाये जाने वाले पारंपरिक गीत गा रही थीं. तो गांव के पुरुष इंतजाम में लगे हुए थे. पुरे हर्षोउल्लास के साथ नामकरण विधि का कार्यक्रम पूरा हुआ, कायक्रम को सफल बनाने के लिए गांव के अनुसया यादव सहारे, रंजना रवींद्र प्रधान, विमल जनार्दन धोटे, शेवंता लक्ष्मण सदाफळे, विमल मनचंद्र भागडकर, पार्वता टोलीराम भरै, साधना मनोज सहारे, रवींद्र प्रधान,यादव सहारे किसन राऊत, भगवान बगमारे, सुधाकर भर्रे, मनोज सहारे दिनेश दोनाडकर ने काम संभाला.

 

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