
महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए ब्लास्ट के मामले में कोर्ट ने कल से ट्रायल प्रोसीडिंग के दौरान साध्वी को निरंतर आधार पर पेश होने का आदेश दिया है. साध्वी प्रज्ञा के वकील ने खराब सेहत का कोर्ट को फिर से हवाला दिया है. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया है कि ट्रायल में सहयोग का दिया जाएगा.
साध्वी ने कोर्ट रूम से बाहर आने पर कहा कि शारीरिक रूप से मैं बहुत बीमार हूं. उन्होंने कहा कि मैं गंभीर स्वास्थ्य स्थिति से पीड़ित हूं. खड़ी होने में असमर्थ हूं. मैंने अपना मेडिकल प्रमाण पत्र न्यायालय में जमा कर दिया है. मगर, सच्चाई के लिए जब तक शरीर साथ देगा, मैं लड़ती रहूंगी. मैं ट्रायल में हिस्सा लूंगी.
बीमारी के कारण पेशी से मिली थी छूट
बताते चलें कि आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में चल रही सुनवाई में शामिल होने के लिए पेश हुईं. इससे पहले अदालत ने उन्हें अंतिम अवसर या उचित कार्रवाई के रूप में बीमारी के कारण पेश होने से छूट दी थी. उनसे कहा गया था कि 25 अप्रैल को या उससे पहले न्यायालय में उपस्थित हों और सुनवाई की कार्यवाही में भाग लें.
मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में आज की सुनवाई पूरी हो गई. प्रज्ञा सिंह ठाकुर इसमें शामिल हुईं. उन्हें सुनवाई की कार्यवाही में भाग लेने के लिए कल से नियमित रूप से आना होगा. बता दें कि पिछले महीने अदालत ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ अदालती कार्यवाही के दौरान उपस्थित नहीं रहने पर उनके खिलाफ 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था.
इसके बाद उनके वकील ने वह अस्वस्थ हैं और इसलिए वह कोर्ट नहीं आ सकतीं. 22 मार्च को अदालत में पेश होने के बाद वारंट रद्द कर दिया गया. अदालत ने इस महीने एनआईए से उसके स्वास्थ्य की स्थिति का सत्यापन करने को कहा था और कहा था कि उसकी अनुपस्थिति से कार्यवाही में बाधा आ रही है.
2008 को हुए धमाके में 6 लोगों की गई थी जान
बताते चलें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के मालेगांव में एक मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक में धमाका हुआ था. उस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी. इस धमाके में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए थे.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इस मामले में प्रमुख संदिग्धों में से एक थीं क्योंकि कथिततौर पर यह उनकी ही मोटरसाइकिल थी, जिस पर बम रखा गया था. वह बीजेपी के उन कई मौजूदा सांसदों में शामिल हैं, जिनका नाम आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की 195 उम्मीदवारों की पहली सूची से गायब था.