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मनोज जरांगे को आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति नहीं, मुंबई पुलिस ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

पुलिस ने मनोज जरांगे को आज़ाद मैदान में बैठने की बजाय नवी मुंबई के खड़घर का विकल्प दिया है. ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस और सरकार मनोज जरांगे से चर्चा कर रही है कि वह दूसरी जगह पर वह धरना दे सकते हैं.

मनोज जरांगे के धरने को लेकर पुलिस एक्टिव मोड में है मनोज जरांगे के धरने को लेकर पुलिस एक्टिव मोड में है
अभिजीत करंडे/दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 25 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के मराठा मार्च को लेकर मुंबई पुलिस एक्टिव मोड में है. पुलिस ने मनोज जरांगे को आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही मार्च में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नोटिस जारी किया है. इतना ही नहीं, मुंबई में कानून-व्यवस्था की समस्या होने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.

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पुलिस ने कहा कि मार्च में भाग लेने वाली भीड़, आयोजक और वे सभी लोग जिन्होंने मार्च को आर्थिक और अन्यथा मदद की, उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा. मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

पुलिस ने मनोज जरांगे को आज़ाद मैदान में बैठने के बजाय नवी मुंबई के खड़घर का विकल्प दिया है. ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस और सरकार मनोज जरांगे से चर्चा कर रही है कि वह दूसरी जगह पर वह धरना दे सकते हैं. लेकिन मनोज जारांगे पाटिल आजाद मैदान में बैठने के अपने फैसले पर कायम हैं. वह देर रात मुंबई पहुंचेंगे. एपीएमसी ने उनके रहने और रात के खाने की व्यवस्था की है. 

बता दें कि ध्वजारोहण के बाद मनोज जारांगे पाटिल मुंबई की ओर मार्च करेंगे. इससे पहले वह वाशी में शिवाजी महाराज का आशीर्वाद लेंगे. फिर वह लोगों को संबोधित करेंगे. इसके बाद आज़ाद मैदान की ओर मार्च का नेतृत्व करेंगे. ऐसे में पुलिस बल और अन्य अधिकारियों के लिए उन्हें मुंबई में प्रवेश न करने के लिए मनाना कठिन काम है. 

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जानकारी के मुताबिक सरकारी प्रतिनिधिमंडल आज शाम को मनोज जरांगे से मिलने जा रहा है, वे उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार ने मराठों का डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. इसके लिए सभी अधिकारी काम कर रहे हैं. वे हर घर जाकर आवश्यक जानकारी एकत्र कर रहे हैं, जो मराठों को आरक्षण देने में सहायक होगी. 

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