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'मराठा आरक्षण की मांग को लेकर युवक ने लगा ली फांसी', महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का दावा

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर बांद्रा इलाके में एक शख्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्हों सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द मराठा आरक्षण को लेकर सरकार उठाए गए कदमों की लिस्ट जारी करे.

अशोक चव्हाण (फाइल फोटो) अशोक चव्हाण (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 23 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने राज्य सरकार से मराठा आरक्षण की मांग के संबंध में पिछले महीने उठाए गए कदमों की सूची मांगी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि दिन में नांदेड़ जिले में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. रविवार सुबह नांदेड़ जिले में शुभम पवार नाम के व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. उनके परिवार के सदस्य इस घटना के बाद काफी उत्तेजित हो गए और उन्होंने मदद मांगी.

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चव्हाण ने कहा कि वह राज्य सरकार से अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने और मराठा समुदाय के लिए समाधान विकसित करने का अनुरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे की रैलियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या दस लाख से अधिक है. उन्होंने कहा कि राज्य ने मराठा समुदाय को आरक्षण जारी करने के संबंध में पिछले कुछ हफ्तों में उठाए गए कदमों का खुलासा नहीं किया है. जारांगे ने मराठों को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को 40 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो कल यानी 24 अक्टूबर को खत्म हो रहा है.

उन्होंने आंदोलन का दायरा बढ़ाने और ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की धमकी दी है. बता दें कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए प्रमुख समाचार पत्रों में एक विज्ञापन जारी किया है. इसमें ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा के तहत नौकरियों और छात्र प्रवेश में मराठा समुदाय को दिए जाने वाले लाभों का भी उल्लेख किया गया है.

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बता दें कि 19 अक्टूबर को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता सुनील कावले का शव मुंबई के बांद्रा इलाके में एक फ्लाईओवर के किनारे लैंप पोस्ट से लटका हुआ पाया गया था. उन्होंने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए एक सुसाइड नोट छोड़ा था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आत्महत्या जैसा कदम न उठाएं.

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