
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के लीडर मनोज जरांगे पाटिल ने रविवार को राज्यव्यापी बैठक की. इस दौरान स्टेज से उन्होंने अपना बैनर हटा दिया. ये देख वहां मौजूद लोग हक्का-बक्का रह गए. मगर, जब इसके पीछे की वजह पता चली तो सभी ने उनकी काफी प्रशंसा की.
दरअसल, बैठक के दौरान मनोज जरांगे ने देखा कि बैनर में उनकी तस्वीर शिवाजी महाराज की तस्वीर से बड़ी है. इस पर उन्होंने स्टेज से अपना बैनर हटा दिया. बैठक के दौरान उन्होंने कहा है कि उनका 24 दिसंबर तक सरकार को मराठा आरक्षण देने के लिए अल्टीमेटम था. 23 दिसंबर को बीड में भव्य सभा रखी गई है. उसके बाद मराठा आरक्षण पर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
'हम आपको आखिरी अल्टीमेटम दे रहे हैं'
बताते चलें कि अनशन खत्म करते हुए जरांगे ने सरकार से दो महीने के भीतर मुद्दा सुलझाने को कहा था. उन्होंने कहा था कि जब तक आरक्षण की मांगें नहीं मानी जातीं, उनका क्रमिक अनशन जारी रहेगा. 'मैं सरकार से यह भी अपील करता हूं कि मराठों को आरक्षण आवंटित होने तक भर्ती न करें. हम आपको आखिरी अल्टीमेटम दे रहे हैं'.
'हमें सरकार को और समय देना चाहिए या नहीं'
उन्होंने कहा था, 'मराठवाड़ा का प्रश्न हल हो गया, लेकिन हम पूरे महाराष्ट्र में फैले सभी मराठों के लिए लड़ रहे हैं. हमने 40 साल तक संघर्ष किया है और इंतजार किया है. जब तक सरकार हमें आरक्षण नहीं दे देती, मैं रुकने वाला नहीं हूं. लेकिन मैं आपसे पूछ रहा हूं कि क्या हमें सरकार को और समय देना चाहिए या नहीं? मैं आप से पूछ रहा हूं. क्योंकि मैं आपके फैसले पर कायम हूं.'