
मुंबई के मुलुंड पूर्वी उपनगरीय इलाके में एक मराठी महिला को ऑफिस की जगह देने से इनकार करने की खबर सामने आने के कुछ दिनों बाद राजनीति तेज हो गई है. मुलुंड पुलिस ने इस मामले को लेकर एक पिता-पुत्र की जोड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिन्होंने महिला को ऑफिस की जगह किराए पर देने से इनकार कर दिया था. तृप्ति देवरुखकर नाम की महिला ने वीडियो में दावा किया था कि उन्हें मराठी होने के कारण ऑफिस नहीं दिया गया.
महिला ने रिकॉर्ड किया वीडियो
मामले में पुलिस ने पिता-पुत्र प्रवीण ठक्कर और नीलेश ठक्कर को हिरासत में लिया है. एक अन्य वीडियो में, देवरुखकर ने आरोपी के साथ हुई बहस को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया. वीडियो में दिख रहा था कि आरोपी ने उसका फोन छीन लिया और रिकॉर्डिंग बंद करने को कहा. विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है और मराठी महिला की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की है. वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी एक वीडियो रिकॉर्ड किया है जिसमें आरोपी अपने व्यवहार के लिए माफी मांग रहे हैं.
शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस इस मामले में कार्रवाई करेंगे?
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पुलिस ने दर्ज किया केस
देवरुखकर द्वारा मुलुंड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद आईपीसी की धारा 341, 323, 504 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. देवरुखकर द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में वह कहती हैं, "वे इतने अहंकारी हैं कि महाराष्ट्र में रहते हुए एक मराठी महिला से कहते हैं कि आपको सोसायटी में अनुमति नहीं दे रहे हैं. मराठी के नाम पर पॉलिटिक्स करने वाले राजनेता कहां हैं? यह मेरा रोना नहीं बल्कि मेरा गुस्सा है. आज मैंने जो अनुभव किया वह कितने मराठी लोगों ने अनुभव किया है? कितने लोगों को आवास से वंचित कर दिया गया है?”
मनसे ने आरोपियों से मंगवाई माफी
मनसे ने इस वीडियो के सामने आने के बाद मनसे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'इस वायरल वीडियो के बाद मनसे तुरंत संबंधित सोसायटी में पहुंची और मराठी लोगों को घर देने से इनकार करने वालों को अपने अंदाज में चेतावनी दी. जिसके बाद इन लोगों ने माफी मांगी है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना तृप्ति देवरुखर के अनुभव के बाद तुरंत उनकी मदद करने के लिए वहां पहुंची और उस व्यक्ति से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी गई. लेकिन यह एक प्रतिनिधित्व का उदाहरण है, लेकिन मराठी लोग हर दिन किसी न किसी कोने में अपमानित और दुर्वव्यहार का अनुभव कर रहे हैं. लेकिन इतने वर्षों तक मुंबई-महाराष्ट्र पर शासन करने के बाद भी, कई राजनीतिक दल इस मुद्दे को आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं. मराठी लोगों को यह याद रखना चाहिए.'
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सरकार पर हमलावर हुआ विपक्ष
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नाना पटोले ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, 'अब मुंबई में मराठी लोगों के लिए कोई जगह नहीं है?'
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने मुसलमानों के साथ समान व्यवहार का मुद्दा उठाया और कहा, 'मुंबई के मुलुंड पश्चिम इलाके में एक मराठी महिला को ऑफिस में जगह नहीं देने का मामला चर्चा में है. यह राज्य के लिए शर्म की बात है कि महाराष्ट्र में एक मराठी महिला के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है. कई जगहों पर यही व्यवहार मुस्लिम समुदाय के साथ भी किया जाता है. मैं सार्वजनिक रूप से भाषा, जाति, धर्म, पोशाक और भोजन के आधार पर भेदभाव की निंदा करता हूं. माननीय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मेरा अनुरोध है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और इस संबंध में एक सख्त कानून बनाएं ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके.'