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मुंबई: खसरे का कहर जारी, 8 महीने के बच्चे की मौत, इस साल 233 केस, 12 मरीजों ने दम तोड़ा

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में खसरे के नए मामले आने का क्रम जारी है. अब तक मुंबई में खसरे के 233 केस सामने आ चुके हैं. वहीं, अब तक 12 लोगों की इसके चलते हुई है. खसरे के कारण 8 लोगों की मौत कंफर्म हैं. वहीं, 1 मामला फिलहाल संदिग्ध है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 24 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:09 AM IST

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में खसरे (measles) ने कहर दिखाना शुरू कर दिया है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में अब तक मुंबई में खसरे के 233 केस सामने आ चुके हैं. वहीं, अब तक 12 लोगों की इसके चलते हुई है. खसरे के कारण हाल ही में 8 महीने के ब्च्चे की जान चली गई. उसे 18 नवंबर को पुणे में भर्ती कराया गया था.

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BMC के मुताबिक खसरे के कारण 8 लोगों की मौत कंफर्म हैं. वहीं, 1 मामला फिलहाल संदिग्ध है. मरने वाले 12 लोगों में से 3 की मौत मुंई के बाहर हुई है. बता दें कि हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने खसरे के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया था. 

केंद्र ने रांची (झारखंड), अहमदाबाद (गुजरात) और मलप्पुरम (केरल) में तीन उच्च-स्तरीय बहु-विषयक 3-सदस्यीय टीमों को तैनात करने का निर्णय लिया है. ये टीमें सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों की सहायता करेंगी. दरअसल, ये बीमारी तेजी से बच्चों में फैल रही है.

जानकारी के मुताबिक रांची जाने वाली केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), नई दिल्ली और राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएलएच), नई दिल्ली के विशेषज्ञ शामिल हैं. PHO, मुंबई, कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल (KSCH), नई दिल्ली और क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय (RoHFW), अहमदाबाद के विशेषज्ञ अहमदाबाद जाने वाली केंद्रीय टीम में शामिल होंगे और मलप्पुरम की टीम में RoHFW, तिरुवनंतपुरम, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER), पांडिचेरी और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC), नई दिल्ली के विशेषज्ञ शामिल होंगे.

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क्या है खसरा?

बता दें कि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो खसरा वायरस की वजह से होती है. दरअसल, जब ये वायरस किसी को अपनी चपेट में लेता है तो उसे बुखार, शरीर पर चकत्ते, कान में संक्रमण, दस्त औरन निमोनिया जैसी बिमारियां घेर लेती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक संक्रमण दस दिनों तक रह सकता है. इस गंभीर बीमारी से कई बच्चों की मौत भी चुकी है.

4 करोड़ बच्चों मसूम खतरे में

खसरे पर हाल ही में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) कि संयवक्त प्रकाशन रिपोर्ट में सामने आया है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से खसरा टीकाकरण कवरेज में लगातार गिरावट आई है. 2021 में, दुनियाभर में लगभग 4 करोड़ बच्चे खसरे के टीके की खुराक से चूक गए. 2.5 करोड़ बच्चों ने अपनी पहली खुराक ही नहीं ली जबकि 1.47 करोड़ बच्चों ने अपनी दूसरी खुराक मिस कर दी. टीकों में यह गिरावट लाखों बच्चों को संक्रमण के प्रति संवेदनशील बनाती है.

2021 में आए 90 लाख केस

2021 में, दुनिया भर में खसरे के अनुमानित 90 लाख मामले सामने आए और 128000 मौतें हुईं. 22 देशों ने बड़े और भयंकर प्रकोप का सामना किया. टीके के कवरेज में कमी, खसरे की निगरानी में कमी, ​​और COVID-19 के साथ-साथ 2022 में लगातार बड़े प्रकोपों ​​​​के कारण टीकाकरण में रुकावट और देरी का मतलब है कि दुनिया के हर क्षेत्र में खसरा एक खतरा है.

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