
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में खसरे के 32 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान कोई नई मौत नहीं दर्ज की गई है. इससे निपटने के लिए बीएमसी ने कुछ उपाय तलाशे हैं. अब मुंबई में 9 महीने से 5 साल के आयु वर्ग के 1,34,833 बच्चों को खसरा-रूबेला (एमआर) टीके की विशेष खुराक दी जा रही है. यह इसलिए किया जा रहा है ताकि मामलों में बढ़ोतरी न हो.
साथ ही मुंबई में बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने अतिरिक्त डोज का फैसला लिया है. प्रदेश के 56 प्रखंडों के बच्चों को यह खुराक दी जा रही है. बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में मुंबई में खसरा (measles) का बढ़ता कहर देखा गया है. मुंबई में खसरे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
मुंबई में बढ़ रहे खसरे के मामले
अभी दो दिन पहले यानी गुरुवार को ही खसरे की वजह से 8 महीने के बच्चे की जान चली गई थी. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में गुरुवार तक मुंबई में खसरे के 233 केस सामने आए थे. वहीं, 12 लोगों की इसके चलते जान चली गई. ख
मुंबई में इस जगह है सबसे ज्यादा खतरा
BMC के मुताबिक खसरे का प्रकोप मुंबई के 8 वार्डों में फैला हुआ है. इसमें भी सबसे ज्यादा केस एम-ईस्ट वार्ड से सामने आए थे. इस वार्ड में गोवंडी और आसपास के इलाके शामिल हैं.
क्या है खसरा?
आपको बता दें कि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो खसरा वायरस की वजह से होती है. दरअसल, जब ये वायरस किसी को अपनी चपेट में लेता है तो उसे बुखार, शरीर पर चकत्ते, कान में संक्रमण, दस्त औरन निमोनिया जैसी बिमारियां घेर लेती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक संक्रमण दस दिनों तक रह सकता है. इस गंभीर बीमारी से कई बच्चों की मौत भी चुकी है.
2021 में सामने आए थे 90 लाख केस
एक आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में दुनियाभर में खसरे के अनुमानित 90 लाख मामले सामने आए थे और 128,000 मौतें हुईं. 22 देशों ने बड़े और भयंकर प्रकोप का सामना किया. टीके के कवरेज में कमी, खसरे की निगरानी में कमी और COVID-19 के साथ-साथ 2022 में लगातार बड़े प्रकोपों के कारण टीकाकरण में रुकावट और देरी का मतलब है कि दुनिया के हर क्षेत्र में खसरा एक खतरा है.