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महाराष्ट्र: शिवसेना शिंदे गुट के 15 MLAs की सुरक्षा वापस, धमकियों के बाद मिली थी Y+ सिक्युरिटी

एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने गुवाहाटी में रहने के दौरान महाराष्ट्र में मौजूद अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी. बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने भी कहा था कि अगर बागी विधायकों के परिवार को कुछ होता है इसके लिए उद्धव और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ये जानकारी दी है. -सांकेतिक तस्वीर केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ये जानकारी दी है. -सांकेतिक तस्वीर
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST
  • बागी विधायकों ने सुरक्षा वापस लेने का लगाया था आरोप
  • परिवार की सुरक्षा को लेकर बागी विधायकों ने जताई थी चिंता

महाराष्ट्र में शिंदे गुट के 15 विधायकों की Y+ सुरक्षा को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है. गृह मंत्रालय सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. इन 15 विधायकों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 26 जून को Y+ सुरक्षा मुहैया कराई थी. दरअसल, जिन विधायकों को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा मिली थी, उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट से बगावत कर एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो गए थे. ये बागी विधायक पहले सूरत और फिर गुवाहाटी शिफ्ट हो गए थे.

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15 विधायकों के उद्धव गुट से बगावत और गुवाहाटी में डेरा जमा लेने के बाद उनके घर और दफ्तर में शिवसैनिकों ने तोड़फोड़ की थी. इसके बाद बागी विधायकों ने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से बागी विधायकों और उनके परिवार को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी. ये भी कहा गया था कि IB की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर विधायकों को सुरक्षा दी गई है. 

इन 15 बागी विधायकों को दी गई थी Y+ सुरक्षा

  रमेश बोर्नारे
- मंगेश कुडलकर
- संजय शिरसात
- लताबाई सोनवणे
- प्रकाश सुर्वे
- सदानंद सरनवंकर
- योगेश दादा कदम
- प्रताप सरनाइक
- यामिनी जाधव
- प्रदीप जायसवाल
- संजय राठौड
- दादाजी भुसे
- दिलीप लांडे
- बालाजी कल्याणर
- संदीपन भुमरे

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ये सुरक्षा शिव सेना के 15 MLA को उस दौरान दी गई थी उस समय गुवाहाटी में मौजूद शिवसेना के बागी विधायकों ने महाराष्ट्र में मौजूद अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी. बागी विधायकों का आरोप था कि उनके परिवार की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है. यही वजह थी कि गृह मंत्रालय ने 15 शिव सेना MLA की सेंट्रल सेक्युरिटी दी थी, जिसमें CRPF के जवान उनकी सुरक्षा कर रहे थे.

सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की क्या होती है भूमिका

केंद्र सरकार केंद्रीय स्तर पर सुरक्षा संभालती है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जैसे सरकारी पदों पर तैनात बड़े अफसरों को केंद्र सरकार सुरक्षा मुहैया कराती है. इनके अलावा केंद्र सरकार उन लोगों को भी सुरक्षा प्रदान करवाती है, जिनकी जान को खतरा होता है. इसमें समाज में ऊंचा रुतबा रखने वाले लोग होते हैं. केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए पांच कैटेगरी बना रखी है. इसमें X, Y, Y+, Z और Z+ शामिल है. खतरे के हिसाब से व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है.

बता दें कि Y कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. इसमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ भी शामिल होते हैं. वहीं, Y+ कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मियों के अलावा एस्कॉर्ट वाहन भी रहता है. एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड आवास पर भी तैनात होते हैं.

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