
एक जनवरी, 2018 को पुणे के पास स्थित भीमा-कोरेगांव में भड़की जातीय हिंसा मामले को एक साल होने को है. ऐसे में पुणे पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह अलर्ट है कि इस बार हिंसा की कोई घटना नहीं हो. महाराष्ट्र के लिए वर्ष की शुरूआत हिंसा से हुई थी और अगले कुछ महीने तक यह मामला कुछ न कुछ कारणों से लगातार चर्चा में बना रहा था.
वहीं, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को मुंबई के होटल में अनकहे तौर पर नजर बंद कर दिया गया है. अपना वीडियो अपलोड करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने दावा किया है की पुलिस उन्हें होटल मनाली से इसलिए निकलने नहीं दे रही कि वह बाबा साहब की पुण्य भूमि पर जा सकें. साथ ही आज चंद्रशेखर आजाद को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी लेकिन होटल से नहीं निकल पाने के कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हो सकी. शनिवार को होने वाली रैली का होना भी मुश्किल लग रहा है. चंद्रशेखर का दावा है कि पुलिस ने उसे हाउस अरेस्ट कर रखा है.
भीमा-कोरेगांव दंगों के आरोपी संभाजी भिडे और मिलिन्द एकबोटे पर ग्रामीण पुणे मे आने पर पुलिस द्वारा पाबंदी लगाई गई है. भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को होने वाले अभिवादन दिवस के मद्देनजर पुणे ग्रामीण पुलिस ने ये कार्यवाही की है.
भीमा-कोरेगांव संघर्ष की 200वीं वर्षगांठ के पहले तनाव व्याप्त हो गया था क्योंकि कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने आयोजन का विरोध किया था. पुणे से 40 किलोमीटर दूर भीमा-कोरेगांव में जय स्तंभ पर हर साल दलित समुदाय के लोग इकट्ठा होते हैं. लेकिन इस बार हिंसा भड़कने पर भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और दुकानों-मकानों में तोड़फोड़ की थी.
पुणे के पूर्व शासक पेशवा और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1818 में लड़ाई हुई थी. भीमा-कोरेगांव संघर्ष की एक और वर्षगांठ नजदीक होने के साथ पुणे पुलिस इस बार पूरी चौकसी बरत रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो.
पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने कहा कि इस बार जय स्तंभ के आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.