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सोनिया गांधी 1999 में PM बनना चाहती थीं, इसलिए छोड़ी कांग्रेस: शरद पवार

राज ठाकरे द्वारा  शरद पवार की बहुचर्चित मुलाकात आखिरकार घोषणा करने के तीन महीने बाद संपन्न हुई. 150 मिनट चली इस मुलाकात में राज ठाकरे ने शरद पवार  के 50 साल के राजकीय, सामाजिक, कृषि, खेल और सांस्कृतिक जीवन के सफर के बारे में जानने का प्रयास किया.

राज ठाकरे और शरद पंवार राज ठाकरे और शरद पंवार

राज ठाकरे और शरद पवार का बहुचर्चित इंटरव्यू आखिरकार घोषणा करने के तीन महीने बाद हुआ. इस इंटरव्यू के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से कहा कि 1999 में उनके कांग्रेस छोड़ने की वजह सोनिया गांधी थीं. पवार ने कहा कि सोनिया तब प्रधानमंत्री बनना चाहती थीं, जबकि तब इस पद के लिए दावेदार मनमोहन सिंह या वह खुद थे.

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उन्होंने इस घटना को याद किया और बताया, 'मैं घर पर था और मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि सोनिया गांधी सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही हैं. पीएम पद के लिए मनमोहन सिंह या मैं उचित दावेदार थे. उसी समय मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया.'

150 मिनट चली इस मुलाकात में राज ठाकरे ने शरद पवार  के 50 साल के राजकीय, सामाजिक, कृषि, खेल और सांस्कृतिक जीवन के सफर के बारे में जानने की कोशिश की. वैसे देखा जाए, तो नवंबर 2017 में इस विशेष बातचीत की घोषणा BVG ग्रुप के फाउंडर डायरेक्टर हनुमंत गायकवाड़ ने की थी. यह मुलाकात छह जनवरी को होने वाली थी, लेकिन भीमा कोरेगांव हिंसा की वजह से कुछ समय के लिए इसको रद्द कर दिया गया था.

दबाव महसूस कर रहे थे ठाकरे

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यह बहुचर्चित मुलाकात पुणे के BMCC कॉलेज के मैदान पर हुई. इसका आयोजन जागतिक मराठी अकादमी द्वारा किया गया. इस दौरान 'शोध मराठी मन का' विषय पर चर्चा हुई. राज ठाकरे की शैली और दो टूक बात करने का अंदाज काफी लोगों को पसंद आया. युवा नेता राज ठाकरे ने वरिष्ठ नेता शरद पवार का हाथ पकड़कर उनको मंच पर लाए. राज ठाकरे ने बातचीत की शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया कि आज वो बहुत दबाव महसूस कर रहे हैं. इसकी वजह उन्होंने जेनेरशन गैप बताया.

सच कहने में मुश्किल तो चुप रहें

राज ठाकरे ने शरद पवार से पूछा कि क्या उन्हें कभी सच बोलने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा? शरद पवार ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि राजनीति में सच बोलना ही पड़ता है, लेकिन जहां बोलना मुश्किलें पैदा कर सकता है, वहां नहीं बोलना चाहिए.

समाज में दरार से चिंता

राज ठाकरे ने पूछा कि महाराष्ट्र के किस सवाल पर उन्हें चिंता महसूस होती है, इस पर पवार ने कहा कि राज्य में  सामाजिक और जातीय एकजुटता में आई दरार उन्हें सताती है. इसकी वजह से समाजों के बीच में विद्वेष बढ़ रहा है और ये राज्य के लिए ठीक नहीं.

नरेंद्र मोदी के बारे में राय

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पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में शरद पवार की पहले क्या राय थी और अब क्या राय है? इस पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें सुबह जल्दी उठने की अच्छी आदत है, तैयार होने की आदत है और बहुत मेहनत करने की आदत है. इस जवाब पर हंसते हुए राज ने कहा के वह भी जल्दी उठने लगे हैं, लेकिन क्या ऐसा करने से कोई देश का प्रधानमंत्री बन सकता है?

राहुल लाएंगे कांग्रेस के अच्छे दिन

राहुल गांधी के बारे में अब शरद पवार को क्या लगता है? इस पर शरद पवार ने जवाब दिया कि पहले वाले राहुल और अबके राहुल के कामकाज में बहुत फर्क आया है. राहुल गांधी आगे बढ़ते रहे तो निश्चित रूप के देश की जनता उन्हें स्वीकार करेगी और कांग्रेस के लिए अच्छे दिन आएंगे.

देश चलाना, गुजरात चलाना नहीं

शरद पवार ने मोदी द्वारा देश के नेतृत्व पर सवाल किया और कहा कि गुजरात जैसा एक राज्य चलाना और देश चलाने में अंतर है. गुजरात के कोने-कोने की जानकारी आपको हो सकती है लेकिन जब देश की बात आती है तब आपकी टीम में हर राज्य को जानने वाला व्यक्ति होना जरूरी है.

रक्षा मंत्री बने तो रैंक नहीं पता थे

पवार ने एक वाकया बताया कि जब वह देश के रक्षा मंत्री बने तो उन्हें भारतीय स्थल सेना, वायु सेना और नौसेना के अफसरों के रैंक पता नहीं थे. बिना शर्माते हुए पवार ने बताया कि कैसे उन्होंने रिटायर्ड अफसरों से ये बारीकियां सीखीं और आगे बढ़े. जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति को हर बात पता होनी चाहिए, लेकिन देश चलाना है तो सभी बातें सीखने जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नई बातें सीखने की कोशिश कर रहे हैं. 

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यशवंत राव और बाल ठाकरे की कमी

पवार ने कहा कि राज्य के यशवंत राव चव्हाण ने देश और विदेश में महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा बढ़ाई, उनकी कमी खलती है. इसके अलावा बाला साहेब ठाकरे की भी कमी महसूस होती है.

दाऊद पर दी सफाई

शरद पवार ने दाऊद के मामले पर पहली बार सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनपर कई आरोप लगे, पर वे किसी इसे महत्व नहीं देते हैं. सब कहते हैं कि दाऊद और शरद पवार के संबंध है, लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं.

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