
मुंबई पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आठ लोगों को पकड़ा, जो खुद को छात्र बताकर अवैध रूप से लंदन जा रहे थे. इनमें से सात हरियाणा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के छात्र होने का दावा कर रहे थे, जबकि एक व्यक्ति ने खुद को प्रोफेसर बताया था. पुलिस ने इन्हें मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है.
जेद्दाह होते हुए लंदन जा रहे थे
ये सभी सोमवार तड़के एयरपोर्ट के इमिग्रेशन चेकपॉइंट पर पकड़े गए. अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज और झूठी जानकारी देकर यूके का वीजा हासिल किया था. ये लोग जेद्दाह होते हुए लंदन जा रहे थे. पुलिस जांच में सामने आया कि इनका एजेंट, जिसका नाम बिट्टू बताया गया है, उसने प्रत्येक व्यक्ति से 20 लाख रुपये की मांग की थी.
यूके का विजिट वीजा मिला
इमिग्रेशन अधिकारियों ने शुरुआत में दो यात्रियों के पास यूके का विजिट वीजा पाया, जिसके बाद शक होने पर सभी से पूछताछ की गई. जब उनसे जिस यूनिवर्सिटी में जाने का दावा किया था, उसके बारे में जानकारी मांगी गई तो वे कुछ भी स्पष्ट नहीं बता सके.
खुद को प्रोफेसर बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह हरियाणा की यूनिवर्सिटी के आदेश पर इन छात्रों को लंदन लेकर जा रहा था. उसने बताया कि दिल्ली के एक होटल में उसकी मुलाकात इन यात्रियों और एजेंट से हुई थी. वहीं, यात्रियों ने बताया कि एजेंट ने उन्हें अवैध तरीके से यूके भेजने का वादा किया था और इसके लिए फर्जी दस्तावेजों की मदद से वीजा दिलवाया था.
आरोपियों को आगे की कार्रवाई के लिए सहार पुलिस को सौंप दिया गया है. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 143 (मानव तस्करी), 336(2) (जालसाजी) और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले भी मुंबई पुलिस एक मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश कर चुकी है, जिसमें एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, जिसने 80 से ज्यादा लोगों को कनाडा, तुर्की, नीदरलैंड और पोलैंड में फर्जी पासपोर्ट और वीजा के जरिए भेजा था.