
मुंबई के डोंगरी इलाके में गिरी बिल्डिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जो चार मंजिला इमारत गिरी है, उसे BMC की तरफ से 2017 में ही खतरनाक घोषित कर दिया गया था. लेकिन इस चेतावनी के बावजूद 100 साल पुरानी इस बिल्डिंग में कई परिवार रहते हुए. हादसे में अभी तक 12 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसी दौरान BMC की एक चिट्ठी सामने आई है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है.
सात अगस्त, 2017 को जारी किए गए इस नोटिस में केसरबाई नाम की इस बिल्डिंग को BMC ने C-1 घोषित किया गया था. यानी इस बिल्डिंग को खाली कर ढहाने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही BMC की तरफ से चेतावनी दी गई थी कि अगर इस बिल्डिंग के साथ कोई भी हादसा होता है, तो उसके लिए बीएमसी जिम्मेदार नहीं होगी.
बता दें कि मुंबई के डोंगरी के टांडेल गली में केसरबाई नाम की बिल्डिंग का मंगलवार दोपहर आधा हिस्सा गिर गया. यह बिल्डिंग अब्दुल हमीद शाह दरगाह के पीछे है. बिल्डिंग में करीब 8-10 परिवार रह रहे थे, जब हादसा हुआ तब भी करीब 40-50 लोगों के दबे होने की आशंका है.
मुख्यमंत्री ने दिए हैं जांच के आदेश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. हादसे के बाद उन्होंने बयान दिया कि ये 100 साल पुरानी बिल्डिंग है, वहां के निवासियों को इस बिल्डिंग के रिडेवलेप होने की परमिशन मिली थी. हालांकि, अभी हमारा फोकस लोगों को बचाने पर है. जब सारी बातें सामने आएंगी तो इसकी जांच कराई जाएगी.
हादसे के बाद आक्रामक हुआ विपक्ष
हादसे के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. AIMIM के विधायक वारिस पठान ने इस घटना को हादसा नहीं बल्कि एक हत्या करार दिया है. उन्होंने कहा कि मैं पिछले पांच साल से जर्जर बिल्डिंग का मसला उठा रहा हूं. कई बार विधानसभा के अंदर मैंने सवाल उठाया. सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.