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मुंबई की अदालत ने महाराष्ट्र के स्पीकर, मंत्री के खिलाफ जमानती वारंट वापस लिया

मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2020 में बेस्ट महाप्रबंधक के खिलाफ एक मामले में महाराष्ट्र अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ 5,000 रुपये के जमानती वारंट को वापस ले लिया. शुक्रवार की सुबह जब मामले की सुनवाई हुई तो 20 आरोपियों में से केवल छह ही अदालत में पेश हुए थे. आरोप तय होने के समय सभी अभियुक्तों को उपस्थित होना था जबकि बस छह ही उपस्थित हुए. 

विद्या
  • मुंबई,
  • 20 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2020 में बेस्ट महाप्रबंधक के खिलाफ एक मामले में महाराष्ट्र अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ 5,000 रुपये के जमानती वारंट को वापस ले लिया. विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने नार्वेकर और महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं सहित 14 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया था.

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छह आरोपी ही हुए पेश
शुक्रवार की सुबह जब मामले की सुनवाई हुई तो 20 आरोपियों में से केवल छह ही अदालत में पेश हुए थे. आरोप तय होने के समय भी सभी अभियुक्तों को उपस्थित होना था जबकि बस छह ही उपस्थित हुए. हालांकि मामले में नार्वेकर और लोढ़ा, नई सरकार के गठन के बाद से नियमित रूप से अदालत के सामने पेश नहीं हुए हैं.

वकीलों ने रखा पक्ष
नार्वेकर की ओर से अधिवक्ता संदीप केकने और मदन गुप्ता ने कहा, 'वह विधानसभा में हैं, क्योंकि अगली विधानसभा के लिए बैठकें चल रही हैं. यही एकमात्र कारण है कि वह नहीं आ पा रहे हैं.' हालांकि, न्यायाधीश रोकड़े ने कहा, 'मैं क्या करूं? आप मुझे बताएं. आप मुझे बताएं कि मेरे लिए क्या विकल्प है. मैंने पर्याप्त अवसर दिए हैं. मामला आरोपों के लिए रखा गया है और सभी अभियुक्तों को उपस्थित होना चाहिए.'

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केकन ने अदालत से शनिवार को सुनवाई के लिए मामले को लिस्टेड करने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया. न्यायाधीश रोकड़े ने केकन से कहा, 'अदालत को बता दें कि अभियुक्त उपस्थित होगा. आप शब्द का मूल्य जानते हैं. 9 फरवरी को अदालत को आरोप तय करना है.'

नार्वेकर और लोढ़ा सहित अन्य पर धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 341 (गलत तरीके से रोकना), 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को चोट पहुंचाना), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा करना) शामिल हैं. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया था और आरोपी के खिलाफ मसौदा आरोप विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे.
 

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