
बाला साहेब का वारिस कौन? शिवसेना की विरासत किसकी? महाराष्ट्र की जनता का वफादार कौन? मुंबई में दशहरे के मौके पर हुई दो राजनीतिक रैलियां इन्हीं सवालों के आसपास केंद्रित रही. शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब के बेटे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दादर के शिवाजी पार्क में विशाल रैली की तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने BKC मैदान में दशहरा रैली का आयोजन किया.
इस रैली में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच सिनेमाई अंदाज में डायलॉगबाजी देखने को मिली. उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में ब्लॉक बस्टर फिल्म बाहुबली के मशहूर किरदार कटप्पा का जिक्र किया और सीएम एकनाथ शिंदे को कटप्पा करार दिया. वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने गद्दारी नहीं की है उन्होंने जो किया है उसे गदर कहते हैं.
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
MMRDA ग्राउंड में विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि बाला साहेब के विचारों के असली वारिसदार कौन है? ये सवाल पूछना अब लोग बंद कर देंगे. क्योंकि इस भीड़ ने सिद्ध किया है कि असली वारिसदार कौन है.
उन्होंने कहा कि ये शिवसेना उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की नही है. बल्कि बालासाहेब के सिद्धांतों की शिवसेना है. हमने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब के विचार नही छोड़ा और कभी नही छोड़ेंगे. बालासाहेब के असली वारिसदार विचारों के वारिसदार हैं.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें गद्दार और बोला जा रहा है. गद्दारी हुई है लेकिन गद्दारी 2019 में हुई. महाराष्ट्र के मतदाताओं ने आपको और बीजेपी को विधानसभा चुनावों में वोट दिया लेकिन आपने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर लोगों को धोखा दिया.
सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने के अपने फैसले पर कहा कि उन्होंने गद्दारी नहीं बल्कि गदर किया है. शिंदे ने कहा, "हमने गद्दारी नहीं कि ये गदर था, हमलोग गद्दार नहीं है बल्कि बालासाहेब के सिपाही हैं, आपने बालासाहेब के सिद्धांतों को बेच दिया, असली गद्दार कौन है जिसने सत्ता के लिए हिन्दुत्व को धोखा दिया."
क्या बोले उद्धव ठाकरे?
विजयादशमी के मौके पर अपने 43 मिनट के भाषण में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को खूब खरी खोटी सुनाई. उद्धव ने कहा कि जैसे जैसे समय बदलता है रावण का चेहरा भी बदलता है आज ये जो गद्दार हैं वही रावण हैं. जब मैं बीमार था और मेरी सर्जरी हुई थी. मैंने उसे (शिंदे) को जिम्मेदारी थी. लेकिन उसने मेरी खिलाफ साजिश रची और ये सोचा कि मैं कभी अपने पैरों पर उठ खड़ा नहीं हो पाऊंगा.
उद्धव ठाकरे ने कहा, "फिल्म बाहुबली के किरदार कटप्पा का जिक्र करते हुए उद्धव ने कहा, "जो बात मुझे सबसे बुरी लगी और जिस बात पर मुझे गुस्सा आया वो ये है कि जब मैं अस्पताल में भर्ती था उस समय जिन लोगों को मैंने राज्य की जिम्मेदारी दी थी वे ही कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया..." वे लोग मुझे खत्म करना चाह रहे थे और सोच रहे थे कि मैं अस्पताल से कभी नहीं लौटूंगा."
शिंदे ने कहा कि सत्ता के लिए लालच की एक सीमा होती है, पहले गद्दारी करने के बाद अब वो पार्टी चाहता है, इसका सिंबल चाहता है और स्वयं को पार्टी अध्यक्ष कहलवाना चाहता है.
कटप्पा के जवाब में क्या बोले शिंदे
पूर्वी सीएम उद्धव को जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि वे मुझे कटप्पा कहते हैं मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि कटप्पा को भी आत्म सम्मान था और उसमें आपके जैसा दोहरा चरित्र नहीं था.
माता-पिता की कसम खाता हूं...
बीजेपी के साथ सत्ता बंटवारे पर उद्धव ठाकने ने कहा कि मैं अपने माता-पिता की कसम खाकर कहता हूं कि बीजेपी और शिवसेना के बीच ये तय हुआ था कि दो ही पार्टियां मुख्यमंत्री के पद पर ढाई-ढाई साल तक रहेंगी. बता दें कि 2019 में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने वाली उद्धव की अगुवाई वाली शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
शिवसेना का कार्यकर्ता फिर सीएम बनेगा
उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं और मौजूद भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि आज मेरे पास कुछ नहीं है, लेकिन आपके समर्थन से शिवसेना फिर से उठ खड़ी होगी, और मैं शिवसेना के एक कार्यकर्ता को एक बार फिर से सीएम बनाउंगा.
बता दें कि शिवसेना अपने इतिहास में हर साल मुंबई में विजयादशमी के मौके पर विशाल दशहरा रैली का आयोजन करती आई है. इस बार उद्धव से अलग होने के बाद एकनाथ शिंदे ने भी अपने राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया है.