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सौतेली मां को 'अम्मी' कहने से 20 साल के बेटे ने किया इनकार तो पिता ने कैंची से गोद डाला

महाराष्ट्र की मुंबई सत्र न्यायालय ने अगस्त 2018 में बेटे की कैंची से हत्या करने के जुर्म में पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पिता ने बेटी की हत्या इसलिए कर दी थी, क्योंकि उसने सौतेली मां को अम्मी कहने से इनकार कर दिया था.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 27 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

मुंबई सत्र न्यायालय ने अगस्त 2018 में बेटे की कैंची से हत्या करने के जुर्म में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बेटे द्वारा अपनी सौतेली मां को "अम्मी" (मां) कहने से इनकार करने के बाद पिता ने उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले में डोंगरी निवासी सलीम अली इब्राहिम शेख पर 24 अगस्त, 2018 से ही मुकदमा चल रहा था. 

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कैंची से कई बार किया गया था वार

पिता द्वारा बेटे की हत्या करने को लेकर पीड़िता की मां ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक घटना रात 9.00 से 9.30 बजे के बीच हुई, जब पिता और बेटे के बीच झगड़ा हुआ. इसी दौरान बेटे ने सौतेली मां को "अम्मी" कहने से मना कर दिया तो बहस और बढ़ गई.

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बहस के बाद मां को लगा कि विवाद हिंसक हो सकता है. ऐसे में वह पुलिस स्टेशन में मदद मांगने के लिए चली गई. वहीं जब पुलिस पहुंची, तो उन्होंने बेटे को खून से लथपथ पाया. जिस पर कैंची से कई बार वार किया गया था. मुकदमे के दौरान पिता ने दावा किया कि उसके बेटे की मौत हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी.

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पिता ने कोर्ट में तर्क दिया कि उनके बेटे ने ड्रग्स के प्रभाव में आकर खुद को चोटें पहुंचाईं थीं. हालांकि, न्यायाधीश डॉ. एसडी तौशीकर ने सबूतों की जांच करने के बाद फैसला सुनाया कि चोटें मृत्यु से पहले की और बाद दोनों की थीं. न्यायाधीश ने बताया कि अगर उसका बेटा आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा होता तो मां मदद के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाती.

हत्या के बाद घटना से भाग गया था पिता

अदालत ने कहा कि पिता घटनास्थल से भाग गया. अगर बेटे ने खुद पर हमला किया था तो पिता उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर जाता. अदालत ने यह भी कहा कि यह घटना अचानक हुई लड़ाई या आवेश में आकर की गई किसी हरकत से नहीं हुई. 

वहीं, अदालत में पीड़ित की मां ने पिता के बयान का भी समर्थन किया. लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि जांच में हत्या के सबूत मिले हैं. हालांकि, न्यायाधीश ने पीड़ित के मां की मजबूती का भी समर्थन किया. न्यायाधीश ने कहा कि वह एक दुर्भाग्यपूर्ण महिला है जो भावनात्मक दुविधा में फंस गई है. एक ओर उसने अपना बच्चा खो दिया है तो दूसरी ओर उसके पति को हत्या के लिए सजा का सामना करना पड़ रहा है. 

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