
मुंबई के पारेल इलाके में बुधवार सुबह लगी आग में 4 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में एक बुजुर्ग महिला और 3 पुरुष शामिल हैं. हादसे में 16 अन्य लोग घायल हुए हैं लेकिन हादसे के वक्त एक 10 साल की बच्ची ने अपनी सूझबूझ से कई लोगों की जान बचा ली.
आग क्रिस्टल टावर की 13वीं मंजिल पर लगी थी, उसी इमारत में 10 साल की बच्ची जेन सदावर्ते रहती है. जब आग लगी तो वह सो रही थी, लेकिन उसने चारों ओर अफरा-तफरी सुनी तो पहले उसे लगा कि कोई धमाका हो गया. फिर उसने देखा कि सब तरह धुआं था और लोग इधर-उधर भाग रहे थे.
जेन ने बताया कि ऐसे हालात देखकर पहले उसने खुद साहस जुटाया और कोशिश कि लोग घबराएं नहीं. इसके बाद धुएं के असर को कम करने के लिए उसने लोगों से रूमाल को गीला कर मुंह पर लगाने के लिए कहा, ताकि कार्बन को भीतर जाने से रोका जा सके और लोग साफ हवा के जरिए आसानी से सांस ले सकें. ऐसा करना के बाद लोगों का दम घुटना बंद हो गया और वह बाहर निकल सके.
बता दें कि क्रिस्टल टावर, पारेल इलाके में स्थित मशहूर हिंदमाता सिनेमा के पास मौजूद है. जो लोग टावर में फंसे हुए थे, उन्हें क्रेन के जरिए बाहर निकाला गया. हादसे के घायलों को केईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस बीच बीएमसी ने जानकारी दी कि इमारत के पास ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं था. उन्होंने बताया कि इमारत के डेवलपर और इसके 58 निवासियों को 2016 में नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इसे अदालत में चुनौती दी गई थी.