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घाटकोपर हादसे में कहां और किससे हुई लापरवाही? जानें मुंबई में होर्डिंग लगाने के नियम

होर्डिंग लगाने के लिए उस एजेंसी की अनुमति जरूरी होती है जिसकी भूमि पर होर्डिंग लगाई जा रही है. मुंबई में कई तरह की जमीनें हैं. जैसे कलेक्टर लैंड, सॉल्ट पैन लैंड, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट लैंड, बीएमसी लैंड आदि. इसलिए अगर कोई किसी जमीन पर होर्डिंग लगा रहा है तो उसे संबंधित लैंड अथॉरिटी से अनुमति लेनी पड़ती है. साथ ही बीएमसी की इजाजत भी जरूरी है. 

मुंबई बिलबोर्ड हादसे में अब तक 16 लोगों के शव बरामद हुए हैं. मुंबई बिलबोर्ड हादसे में अब तक 16 लोगों के शव बरामद हुए हैं.
दीपेश त्रिपाठी
  • मुंबई,
  • 15 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

मुंबई के घाटकोपर में 13 मई को एक विशालकाय बिलबोर्ड गिर गया था जिसके नीचे दबकर अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 74 अन्य घायल हो गए. पीड़ित परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं और पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं पुलिस अब तक किसी भी आरोपी को पकड़ नहीं पाई है. यह हादसा कोई चूक थी या लंबे समय से चली आ रही लापरवाही इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. आइए जानते हैं कि मुंबई में बिलबोर्ड को लेकर क्या नियम हैं और इस हादसे में कहां लापरवाही हुई. 

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कौन-कौन सी एजेंसियां होर्डिंग लगाने की अनुमति देती हैं?

होर्डिंग लगाने के लिए उस एजेंसी की अनुमति जरूरी होती है जिसकी भूमि पर होर्डिंग लगाई जा रही है. मुंबई में कई तरह की जमीनें हैं. जैसे कलेक्टर लैंड, सॉल्ट पैन लैंड, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट लैंड, बीएमसी लैंड आदि. इसलिए अगर कोई किसी जमीन पर होर्डिंग लगा रहा है तो उसे संबंधित लैंड अथॉरिटी से अनुमति लेनी पड़ती है. साथ ही बीएमसी की इजाजत भी जरूरी है. 

क्या मुंबई बिलबोर्ड हादसे में मालिक ने सभी अनुमति ली थीं? 

बीएमसी का कहना है कि मालिक ने रेलवे एसीपी से अनुमति ली थी लेकिन रेलवे ने मंगलवार को एक बयान जारी किया था. घाटकोपर होर्डिंग गिरने की घटना को लेकर जीआरपी पुलिस ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, 'इस जमीन पर पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग लगाने की अनुमति तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद ने दिसंबर 2021 में मेसर्स इगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को दस साल के लिए दी थी. मंजूरी सीधे तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद ने दी थी.' 

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भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप का संचालन डीजीपी (जीआरपी) की अनुमति से जीआरपी पुलिस आयुक्त के वेलफेयर फंड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से किया जा रहा था. यह भी दिसंबर 2021 से संचालित हो रहा था. दोनों मंजूरी जीआरपी पुलिस वेलफेयर फंड ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से हुई थीं. जीआरपी ने कहा कि होर्डिंग लगाने के लिए पेड़ों को नुकसान पहुंचाने की शिकायत मिलने के बाद वे कार्रवाई कर पाते इससे पहले ही होर्डिंग गिर गया. 

जीआरपी का कहना है कि बीएमसी से शिकायत मिलने के बाद उन्होंने मामले की जांच शुरू की और मेसर्स इगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस भेजा लेकिन इससे पहले कि वे कोई कार्रवाई शुरू कर पाते, होर्डिंग गिर गया. 

किस साइज को दी जाती है मंजूरी?

आमतौर पर बीएमसी 40×40 आकार को मंजूरी देता है लेकिन इस होर्डिंग का आकार अलग था क्योंकि यह बीएमसी लैंड पर नहीं थी. 

क्या अवैधता का निर्णय आकार के आधार पर किया जाता है?

अवैधता का निर्णय मुख्यत: अधिकारियों की अनुमति के आधार पर किया जाता है. अगर होर्डिंग मालिक ने सभी आवश्यक अनुमति ले ली हैं तो यह वैध है. 

किसी भी नोडल एजेंसी द्वारा कितने नोटिस दिए गए और कब?

अगर किसी एजेंसी या नोडल एजेंसी को कोई शिकायत मिलती है तो वे शिकायत को वैरिफाई करते हैंऔर जरूरी कदम उठाते हैं. लेकिन एजेंसी या नोडल एजेंसी खुद भी संज्ञान ले सकती हैं. उन्हें शिकायत का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. 

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कब-कब भेजे गए नोटिस?

पहला नोटिस लाइसेंस फीस को लेकर मार्च 2023 में जारी किया गया था. दूसरा इस साल 2 मई को पेड़ों को हुए नुकसान को लेकर और तीसरा 13 मई को 'अनऑथराइज्ड एडवरटाइजमेंट पैनल' को लेकर, जिस दिन यह हादसा हुआ. नोटिस इगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, जिसने 120×120 फीट मेटल बिलबोर्ड लगाया था, और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी), जो जमीन के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है, को जारी किए गए थे.

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