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भीमा कोरेगांव मामले में संभाजी के खिलाफ एक भी सबूत नहीं: फडणवीस

फडणवीस ने भीमा कोरेगांव मामले पर संभाजी भ‍िडे का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला है, इसलिए उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फोटो- आजतक) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फोटो- आजतक)
जावेद अख़्तर/श्याम सुंदर गोयल
  • मुंबई,
  • 23 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

आजतक के 'मुंबई मंथन'  कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिरकत की और उन्होंने 'चार साल कितना कमाल' विषय पर अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा सामने रखा. साथ ही उन्होंने इस दौरान भीमा कोरेगांव हिंसा से लेकर मराठा आंदोलन और किसानों के संघर्ष जैसे बड़े मुद्दों पर भी जवाब दिए.

फडणवीस ने भीमा कोरेगांव मामले पर संभाजी भ‍िडे का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला है, इसलिए उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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आपको बता दें कि भीमा कोरेगांव में हुए दलित संघर्ष में संभाजी का नाम सामने आया था. इस पर फडणवीस ने कहा है कि कानून सिर्फ आरोपों के आधार पर कोई फैसला नहीं ले सकता, उसके कुछ आधार भी होना चाहिए. यदि उन्होंने कुछ गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा. यदि नहीं किया तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होगी.

भीमा कोरेगांव की असलियत सामने आ रही

फडणवीस ने  कहा कि भीमा कोरेगांव की घटना के पीछे किसका हाथ था, धीरे-धीरे हमने इसके पीछे का सच लाना शुरू किया है. दलित समुदाय को हमारे काम पर भरोसा है. अंबेडकर के स्मारक के लिए तीन दिनों में जगह मिल गई और उनका स्मारक बन रहा है. फडणवीस ने कहा कि किसान के नाम पर जो लोग नासिक से मुंबई चलकर आए उनमें से एक भी किसान नहीं था, आदिवासी थे और खेती के लिए जमीन की मांग कर रहे थे.

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उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग जमीन का पट्टा मांग रहे थे. इसे पूरे देश में किसानों का मार्च बता दिया गया. हमने उनमें से 35-40 फीसदी को जमीनें आंवंटित की हैं.  नासिक से चलकर मुंबई पहुंचे किसानों पर फडणवीस ने बड़ा दावा किया और कहा कि जो लोग आए थे, उनमें से एक भी किसान नहीं था.

इसी साल मार्च में महाराष्ट्र के करीब 40 हजार किसान नासिक से चलकर मुंबई विधान भवन का घेराव करने पहुंचे थे. यह मार्च माकपा के किसान संगठन अखिल भारतीय किसान सभा की तरफ से निकाला गया था, जिसे शिवसेना, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना, और राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) समेत कांग्रेस का भी समर्थन मिला था. किसानों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि सरकार को तुरंत उनसे मुलाकात करनी पड़ी थी.

अब फडणवीस ने दावा किया है कि ये सभी प्रदर्शनकारी जो नासिक से चलकर मुंबई आए थे, उनमें से एक भी किसान नहीं था. उनके मुताबिक, 'ये सभी लोग आदिवासी थे, जिनके पास जमीन ही नहीं थी और वो ये मांग करते हुए आए थे कि हमें किसानी-खेती के लिए जमीन दी जाए.'

किसानों की मांग पूरी की

देवेंद्र फडणवीस ने आगे बताया कि आदिवासियों से मिलकर हमने उनकी मांगों पर विचार किया और उन्हें पूरा करने का आश्वासन भी दिया. फडणवीस का कहना है कि उनकी सरकार ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है और करीब 35 फीसदी लोगों की मांगे पूरी कर दी गई हैं.

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बीजेपी सरकार किसानों के साथ

फडणवीस ने बीजेपी सरकार को किसानों की हितैषी करार देते हुए कुछ आंकड़े भी गिनाए. उन्होंने बताया कि पिछली 15 साल की सरकारों की तुलना में  मौजूदा राज्य सरकार ने किसानों के लिए कई गुना काम किया है. फडणवीस ने दावा किया कि हमने पिछली सरकारों की तुलना में  4 हजार करोड़ के मुकाबले 21 हजार करोड़ रूपये की मदद किसानों को दी. इसके अलावा 15 सालों में 450 करोड़ के मुकाबले 3 साल साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये की खरीद की. उन्होंने कहा कि ये किसानों के लिए किए कामों का ही नतीजा है कि जिला पंचायत और ग्राम पंचायतों के चुनाव में उन्होंने बीजेपी का साथ दिया और पार्टी को जीत मिली.

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