
महाराष्ट्र की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा हनुमान चालीसा पाठ को लेकर चर्चा में हैं. जमानत पर रिहा होने के बाद दोनों सोमवार को मुंबई से दिल्ली पहुंचे हैं. यहां उन्होंने लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की है और घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इधर, नवनीत राणा के मीडिया से बात करने को लेकर विवाद छिड़ गया है. ऐसे में जानते हैं इस मामले में कानून के जानकार क्या कहते हैं....
नवनीत को कोर्ट से जारी जमानत की शर्तों के बावजूद मीडिया से बात करना क्या विशेषाधिकार के दायरे में आएगा? इस सवाल पर संविधान, कानून और न्याय शास्त्र के विद्वान एकमत नहीं हैं. सांसद राणा का कहना है कि उन्होंने मीडिया को सिर्फ कोर्ट के आदेश और जमानत की शर्तों के बारे में ही बताया है. आदेश के खिलाफ कोई बातचीत या ऐसी हरकत नहीं की है जिससे अदालत या न्यायपालिका की मर्यादा का अतिक्रमण होता हो.
इस संबंध में संविधान के गहन मनीषी और लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप का मानना है कि सांसदों के विशेषाधिकार का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 105 में है. लेकिन कई बार अदालतों के आदेशों को लेकर संसद की विशेषाधिकार समिति के निर्देशों और सिफारिशों के हवाले से अदालतों में याचिकाएं डाली गई हैं.
ग्रे एरिया का फायदा उठाते हैं सांसद
उन्होंने कहा कि इतने लंबे इतिहास के बावजूद अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. लिहाजा, सांसदों के विशेषाधिकार और अदालती आदेशों, समन और फैसलों या दिशा निर्देशों में कई जगह मतभेद है. ये ग्रे एरिया है. इसका फायदा सांसद विधायक उठाते हैं. क्योंकि अब तक कोई ब्लैक एंड व्हाइट दिशा-निर्देश या लक्ष्मण रेखा नहीं खिंची हुई है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों का कहना है कि कानून सबसे ऊपर है. जाने-माने क्रिमिनल एडवोकेट असगर खान का कहना है कि अदालत कानून के मुताबिक जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के जुर्म में ना सिर्फ जमानत आदेश रद्द कर सकती है, बल्कि कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई भी कर सकती है. उसमें अधिकतम छह महीने की जेल है.
संजय राउत पर एफआईआर कराएंगी नवनीत राणा
फिलहाल, नवनीत राणा का कहना है कि वो शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने जा रही हैं. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और अपने साथ हुई सारी घटनाएं और विशेषाधिकार हनन की शिकायत भी की.
आज तक से बातचीत में नवनीत राणा ने कहा कि हमने अपनी गिरफ्तारी से लेकर थाने में किस तरीके से उनके साथ व्यवहार हुआ, उन सभी चीज की विस्तृत जानकारी स्पीकर ओम बिरला को दे दी है. हमने कोर्ट के आदेशों का पूरी तरीके से पालन किया है, लेकिन मैं अपने हक के लिए लडूंगी. दिल्ली पुलिस में शिकायत करूंगी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हम इस बात की गुजारिश करेंगे कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो लोग खुलेआम सांसद को धमकी दे रहे हैं. वह आम लोगों के लिए क्या करेंगे. 23 मई को नवनीत राणा विशेषाधिकार समिति के सामने लिखित में शिकायत करेंगी और खुद पेश होकर बात रिकॉर्ड करवाएंगी.
यह है पूरा मामला
राणा दंपति को 4 मई को मुंबई की विशेष कोर्ट ने जमानत दी है. कोर्ट ने जमानत शर्तें भी रखी हैं. इसमें कोर्ट ने कहा है कि जमानत के दौरान वे ऐसा अपराध दोबारा नहीं करें, मीडिया को संबोधित ना करें. इस केस के बारे में मीडिया से बात ना करें. वहीं, राणा दंपति ने कहा कि उन्होंने मीडिया से बात करके कोर्ट की कोई अवमानना नहीं की है.
बताते चलें कि राणा दंपति को 23 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे के आवा मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था. इससे शिवसेना कार्यकर्ता भड़क गए थे. बाद में शिवसेना की शिकायत पर पुलिस ने नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को गिरफ्तार किया था. 5 मई को जेल से रिहा होने के बाद नवनीत राणा को अस्वस्थ होने पर मुंबई के लीलावर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.