
शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 11वीं बरसी की पूर्व संध्या पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. दोनों गुटों के कार्यकर्ता दिवंगत बाल ठाकरे के स्मारक पर पहुंचे हुए थे. इस दौरान दोनों गुटों के समर्थकों के बीच हाथापाई भी हो गई, लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने हालात संभालते हुए उन्हें तितर-बितर कर दिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया, उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने 'गद्दारों वापस जाओ' के नारे लगाए तो वहीं शिंदे समर्थकों ने तेज आवाज में कहा कि पार्टी उनकी है. यह घटना उस वक्त हुई जब मुख्यमंत्री शिंदे बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि देने दादर के शिवाजी पार्क स्थित स्मारक पर पहुंचे हुए थे.
शिंदे बोले- किसी को उपद्रव नहीं करना चाहिए
वहीं सीएम शिंदे ने शिवाजी पार्क में हुई झड़प पर कहा कि बाला साहब ठाकरे के स्मृति दिवस पर किसी को उपद्रव नहीं करना चाहिए, बाला साहेब के स्मृति दिवस पर ऐसी बातें करना आपत्तिजनक है, कानून व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की समस्या से बचने के लिए हम स्मृति दिवस से एक दिन पहले ही बाला साहब ठाकरे को श्रद्धांजलि देने आए हैं. सीएम ने कहा कि उनके स्मृति दिवस पर हंगामा करने का प्रयास निंदनीय और बेहद आपत्तिजनक है. किसी को भी दिवंगत बाला साहेब के स्मृति दिवस का अपमान करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, बाला साहेब की स्मृति दिवस पर आज जबतक मैं स्मारक पर नहीं गया तब तक वहां कोई नहीं आया, लेकिन जब मैं चला गया, तो यूबीटी समूह के नेता अनिल देसाई और अनिल परब वहां आए और हमारे खिलाफ नारे लगाने लगे. साथ ही हमारी महिला पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. शिंदे ने याद दिलाया कि ये आदरणीय बालासाहेब ठाकरे की शिक्षाएं नहीं हैं, लेकिन उनके स्मृति दिवस पर अशांति पैदा करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
पीएम मोदी ने बाल ठाकरे का सपना पूरा किया: शिंदे
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने के दिवंगत शिवसेना संस्थापक के सपने को पूरा किया है. उन्होंने बताया कि इसका उद्घाटन दिवंगत बाल ठाकरे की जयंती की पूर्व संध्या पर किया जाएगा.
22 जनवरी को अयोध्या में होगी मूर्ति प्रतिष्ठा
बाला साहब ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था, जबकि अयोध्या में राम मंदिर की मूर्ति प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार बाल ठाकरे के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम कर रही है.
बीते साल जून में बंट गई थी शिवसेना
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद बीते साल जून महीने में शिवसेना दो फाड़ हो गई थी और तभी से दोनों गुट बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें उनके समर्थक आदरपूर्वक 'हिंदूहृदय सम्राट' कहते हैं.