
मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 3 ने अग्रीपाड़ा में ऋषभ ज्वेलर्स में हुई डकैती में शामिल दूसरे फरार अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी विनोद लखन पाल को 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की गहन जांच के बाद मध्य प्रदेश के निवाडी जिले के सिमराभाठा गांव से गिरफ्तार किया गया.
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के कंधारकला गांव का निवासी पाल पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसमें डकैती का एक पुराना मामला भी शामिल है. उसे सितंबर 2024 में जमानत पर रिहा किया गया था. मामले के पहले आरोपी संतोष लालता प्रसाद बालकिया को पहले उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से अग्रीपाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सीसीटीवी कैमरों की मदद से पकड़े गए आरोपी
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, डकैती को अंजाम देने के बाद आरोपी ठाणे के लिए टैक्सी किराए पर लेकर मौके से फरार हो गए, इसके बाद वे ऑटो-रिक्शा से भिवंडी बाईपास पहुंचे और नासिक के द्वारका सर्कल पहुंचने के लिए शेयर्ड टैक्सी का इस्तेमाल किया. वहां से वे एक निजी वाहन से भुसावल रेलवे स्टेशन पहुंचे और भोपाल के लिए ट्रेन में सवार हो गए.
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जांच में जुटी पुलिस ने मार्ग पर लगे लगभग 100-150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण करके उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रख रही थी. जांच में पता चला कि अभियुक्त मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में छिपे हुए थे.
घास के ढेर के नीचे छिपा हुआ था
विस्तृत जांच से विनोद पाल के पिछले अपराधों में शामिल होने की पुष्टि हुई, उसका पता लगाने के लिए, क्राइम ब्रांच ने पांच विशेष टीमें बनाईं, जिन्होंने मध्य प्रदेश के निवाडी, दतिया और टीकमगढ़ जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के झांसी और ललितपुर जिलों में गहन तलाशी ली.
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पुलिस ने विनोद पाल को सिमराभाठा में अपने रिश्तेदार के पास एक कृषि क्षेत्र में छिपे हुए पाया. क्षेत्र दूर और पहुंच में चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद, टीम ने दो घंटे के ऑपरेशन के बाद अभियुक्त को पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि पाल घास के ढेर के नीचे छिपा हुआ पाया गया.
मामले की जांच की जा रही है
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच के लिए उसे अग्रीपाड़ा पुलिस को सौंप दिया जाएगा. दरअसल 29 दिसंबर को दो अज्ञात व्यक्ति आभूषण खरीदने का नाटक करते हुए सात रास्ता सर्किल के पास ऋषभ ज्वैलर्स में गए, अंदर जाते ही उन्होंने दुकान के दो कर्मचारियों को पिस्तौल और चाकू से धमकाया, उन्हें बांध दिया और 1.91 करोड़ रुपये के आभूषण लूट लिए.