
देश में रेलवे का इतिहास बेहद पुराना है. रेलवे और उसकी ट्रेनों ने देश को आपस में जोड़ने और देश की प्रगति में भी काफी महत्वपूर्ण किरदार निभाया है. ऐसे में कई ऐसी ट्रेनें हैं जो बहुत पुरानी हैं और रेलवे मार्ग का अभी भी अहम हिस्सा हैं. देश में मुंबई से गुजरात का रेलवे मार्ग हर लिहाज़ से महत्वपूर्ण है. इस मार्ग से प्रतिदिन लाखों लोग गुजरात से मुंबई और मुंबई से गुजरात का सफ़र करते हैं. वहीं, 1906 में ब्रिटिश काल में शुरू की गई फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस अभी भी लोगों में बड़ी लोकप्रिय है.
फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस का नया रूप
मुंबई सेंट्रल से सूरत जाने वाली ट्रेन फ्लाइंग रानी को अब एक नए रूप में ढाला गया है. फ्लाइंग रानी मुंबई सेंट्रल से निकलकर सुरत तक का सफ़र तय करती है, ये ट्रेन देश के सबसे पुराने डबल डेकर कोच वाली ट्रेनों में से एक थी. अब इस ट्रेन का रूप बदल दिया गया है और इस ट्रेन में एलएचबी रैक्स को लगा दिया गया है. इन रैक्स के लगने के बाद इस ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को और भी अच्छी सुविधा मिलेगी साथ ही आरामदायी सफ़र भी मिलेगा. यह ट्रेन दोनों विश्व युद्ध के दौरान बंद रही थी, लेकिन उसके बाद इसका सफर निरंतर जारी है.
1906 में शुरू हुई थी ये ट्रेन
बेहद लोकप्रिय मुंबई-सूरत फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस पहली बार 1906 में शुरू हुई थी. एक बड़ी सभा में बॉम्बे सेंट्रल में बुलसर (अब वलसाड) के तत्कालीन जिला अधीक्षक की पत्नी ने ट्रेन का नाम फ्लाइंग रानी रखा था. इसके बाद बीच-बीच में इसकी सेवाओं को रोका गया लेकिन लगभग 1950 से यह लगातार पटरी पर है.
बदला गया ट्रेन का रंग
वर्ष 1965 में, फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस ट्रेन ने एक और उपलब्धि हासिल की जब इसे देश की सबसे तेज़ मध्यम दूरी की ट्रेन घोषित किया गया. इसी दौरान, इस ट्रेन के डिब्बों का रंग बदला गया और पश्चिम रेलवे द्वारा इसे नीले रंग का एक अलग हल्का और गहरा कोट दिया गया. नवंबर, 1976 में इस ट्रेन को हल्के और गहरे हरे रंग में रंगा गया. जून, 1977 से यह ट्रेन परिष्कृत विद्युत कर्षण पर चलाई जाने लगी. 18 दिसंबर, 1979 को फ्लाइंग रानी भारतीय रेल के इतिहास में डबल-डेकर कोचों वाली पहली ट्रेन बन गई. यह ट्रेन यात्रियों, व्यवसायियों और व्यापारियों के बीच लोकप्रिय है क्योंकि यह दो वाणिज्यिक केंद्रों को जोड़ती है.
इस ट्रेन को चलाने का मुख्य उद्देश्य मुंबई से सूरत के बीच व्यापार को बढ़ावा देना था. शुरू में इस ट्रेन में 10 कोच थे, जिससे एक ट्रिप में लगभग 800 यात्री सफर करते थे. यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण 18 दिसंबर 1979 को इस ट्रेन में डबल डेकर कोच जोड़े गए जिससे यह 10 से 15 कोच की हो गई. वर्तमान में, फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस प्रतिदिन सुबह 05.10 बजे सूरत से रवाना होती है, और सुबह 09:50 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचती है. वापसी दिशा में, यह शाम 17.55 बजे मुंबई सेंट्रल से प्रस्थान करती है और उसी दिन 22.35 बजे सूरत पहुंचती है.