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मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट केस में 11 साल बाद गवाह से पूछताछ, 27 लोगों की हुई थी मौत

13 जुलाई, 2011 को मुंबई के दादर, ओपेरा हाउस और झवेरी बाजार इलाकों में तीन धमाके हुए थे, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी और 127 लोग घायल हो गए. महाराष्ट्र ATS ने दावा किया कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक यासीन भटकल विस्फोटों का मास्टरमाइंड था.

मुंबई ब्लास्ट केस (फाइल फोटो) मुंबई ब्लास्ट केस (फाइल फोटो)
विद्या
  • मुंबई,
  • 03 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

मुंबई में हुए 11 पहले हुए तीन धमाकों में 27 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में गुरुवार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (MCOCA) की एक विशेष अदालत में सुनवाई हुई. इस मामले में पहले गवाह ने अपने बयान दर्ज कराए. 

13 जुलाई, 2011 को मुंबई के दादर, ओपेरा हाउस और झवेरी बाजार इलाकों में तीन धमाके हुए थे, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी और 127 लोग घायल हो गए. महाराष्ट्र ATS ने दावा किया कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक यासीन भटकल विस्फोटों का मास्टरमाइंड था. इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि एक आरोपी की मौत हो गई है.  

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इस मामले में पिछले 11 साल से गिरफ्तार आरोपी ने स्पीडी ट्रायल के लिए कई बार अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने में असमर्थता जताई थी. गुरुवार को स्पेशल जज बीडी शेल्के के सामने एक गवाह ने बयान दर्ज कराए, जो धमाके में घायल व्यक्तियों के इलाज के समय अस्पताल में मौजूद था. 

आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं किया गया

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई गवाह अदालत के सामने आया है. महाराष्ट्र ATS की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम ने पिछले साल भी गवाह को पेश किया था और मुकदमे का संचालन करने के लिए तैयार थे. हालांकि आरोपियों की ओर से पेश वकीलों ने कहा था कि उन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया जाता है और उनकी अनुपस्थिति मे सुनवाई करना मुश्किल है. वकीलों ने आरोपियों की उपस्थिति में गवाह के बयान दर्ज करने पर जोर दिया. जेल अधिकारियों ने आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी पेश नहीं किया था. इसलिए मामले को सबूत इकट्ठा करने के लिए स्थगित कर दिया गया था. 

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अलग-अलग जेलों में बंद हैं आरोपी

दरअसल आरोपी देश की अलग-अलग जेलों में बंद थे, इसलिए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी कोर्ट में पेश नहीं किया गया. कुछ आरोपी दिल्ली की तिहाड़ जेल, एक तेलंगाना की चेरलापल्ली और कुछ बेंगलुरु जेल में थे. आरोपियों के खिलाफ साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास, आईपीसी की धाराओं, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और मकोका के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. 

 

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