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'महाराष्ट्र में अंधविश्वास फैलाने वालों की कोई जगह नहीं', धीरेंद्र शास्त्री के विरोध में कांग्रेस ने एकनाथ शिंदे को लिखा लेटर

नागपुर के बाद अब मुंबई में छतरपुर के बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम होने जा रहा है. हालांकि इस कार्यक्रम का कांग्रेस ने विरोध कर दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ नाना पटोले ने सीएम एकनाथ शिंदे को लेटर लिखकर कथावाचक के कार्यक्रम को अनुमति न देने की अपील की है.

महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने धीरेंद्र शास्त्री का किया विरोध (फाइल फोटो) महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने धीरेंद्र शास्त्री का किया विरोध (फाइल फोटो)
ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ नाना पटोले ने कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरोध में सीएम एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिख दी. इसमें उन्होंने लिखा- बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का 18-19 मार्च को मुंबई से सटे मिरा रोड इलाके में जो कार्यक्रम होने जा रहा है, उसे अनुमति न दी जाए. उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र एक प्रोग्रेसिव राज्य है. अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों की इस राज्य में कोई जगह नहीं है. धीरेंद्र शास्त्री ने हमारे जगत गुरु संत तुकाराम महाराज का अपमान कर वारकरी समुदाय के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. संत तुकाराम महाराज का अपमान करने वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को अनुमति देना मतलब अंधविश्वास को बढ़ावा देना होगा, इसलिए धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को अनुमति न दी जाए.

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कांग्रेस के लेटर पर शिंदे के विधायक का जवाब

शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक गीता जैन ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लेटर का जवाब देते हुए एक वीडियो जारी किया. उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम महाराज के संत तुकाराम पर दिए बयान से वारकरी संप्रदाय आहत हुआ था, जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांग ली थी. मुझे लगता है कि इसके बाद इस विषय को विराम दे देना चाहिए. दरअसल संत तुकारामजी के गांव के लोग जब उन्हें (वेडा  तुक्या) पागल कहते थे, तब तुकारामजी भी हाथ जोड़कर उन्हें माफ कर दिया करते थे.

नागपुर कार्यक्रम में अंधविश्वास फैलाने का लगा था आरोप

धीरेंद्र शास्त्री की महाराष्ट्र के नागपुर में जनवरी में 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' का आयोजन किया गया था. अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था. समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है.' इस दौरान समिति ने भी आरोप लगाए थे कि जब पुलिस से शिकायत की गई तो शास्त्री भाग निकले. हालांकि इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद शास्त्री ने कहा था- मैं नागपुर से नहीं भागा. यह सरासर झूठी बात है. हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे. हम इस बात का दावा नहीं करते कि हम कोई समस्या दूर कर रहे हैं. मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं.

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संत तुकाराम को लेकर यह बोल गए थे शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री का पिछले महीने एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें वह संत तुकाराम को लेकर कहते दिखे कि उनकी (संत तुकाराम) पत्नी हर रोज उन्हें मारती थी. इस बयान के बाद वह फिर से विवादों में घिर गए थे, जिसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने अपने कहे शब्दों को लेकर माफी मांगी ली थी. उन्होंने कहा था कि तुकाराम महाराज एक महान संत हैं और वे हमारे आदर्श हैं. वह अपने शब्द वापस ले रहे हैं.

अंधविश्वास मामले में मिल चुकी क्लीन चिट

बागेश्वर धाम महाराज को जनवरी में ही नागपुर पुलिस ने अंध्विश्वास फैलाने के केस में क्लीनचिट दे दी थी. पुलिस को उनके खिलाफ अंधविश्वास फैलाने के सबूत नहीं मिले थे. नागपुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वीडियो में देखने पर स्पष्ट हुआ है कि इसमें धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है, इसमें अंधश्रद्धा जैसी कोई चीज नजर नहीं आई.

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