
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सीएम उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए उन्हें कठपुतली बताया है. सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मातोश्री के अंदर क्या चल रहा है, मैं इस बारे में बात नहीं करूंगा. शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के सम्मान की वजह से हमलोग खामोश बैठे हैं. हमें मुंह खोलने के लिए मजबूर मत कीजिए. क्योंकि अगर हमने मुंह खोला तो आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. मैं यही कहूंगा कि महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील प्रदेश को एक बुद्धू मुख्यमंत्री मिला है.
नारायण राणे ने महाराष्ट्र सीएम पर हमला जारी रखते हुए उन्हें दोमुंहा जोंक तक बता दिया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे खुद एक खिलौना हैं. इसलिए मुझे किसी कठपुतली के लिए बात नहीं करनी चाहिए. वह डरपोक हैं. सही वक्त आने दीजिए मैं सारी बातें साबित कर दूंगा. सीबीआई देख रही है सब. अगर मुझे या मेरे बेटे को बुलाया गया तो मैं जाऊंगा.
नारायण राणे ने रविवार को उद्धव ठाकरे की रैली पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं यहां उसी विशाल रैली का जवाब देने आया हूं जिसमें 47 लोग आए थे. उनका भाषण मूर्खतापूर्ण और गाली गलौज वाला था. वहां पर महाराष्ट्र के किसी मुद्दे को नहीं उठाया गया. ना ही कोरोना पर बात की गई, जबकि सच यह है कि कोरोना की वजह से सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र में हुई है. क्या इन मौतों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती?
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नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं उन्हें बचपन से जानता हूं. उनकी सीएम बनने की औकात नहीं है. उन्हें जो भी सीटें मिली वो बीजेपी की कृपा से. उन्हें 25 सीटें भी नहीं मिलने वाली थी. धोखा देकर वो सीएम बन गए. उन्होंने हिंदुत्व को भी धोखा दिया. उन्होंने खुद ही अपने बेटे आदित्य ठाकरे को क्लीन चिट दे दी, जबकि सीबीआई की तरफ से कोई क्लोजर रिपोर्ट नहीं आई है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं आज कहता हूं कि सुशांत सिंह ने आत्महत्या नहीं की थी, उसका मर्डर हुआ था. अगर सच सामने आया तो एक शख्स जेल के अंदर होगा और वो है उनका बेटा आदित्य ठाकरे. सुशांत की हत्या कैसे हुई, सुशांत की हत्या किसने की, दिशा सालियान के साथ किसने रेप किया, वो कैसे फेंकी गई, सब कुछ बाहर आ जाएगा. उद्धव ठाकरे सीएम बनने जैसा शख्स नहीं है. अगर आज बालासाहेब भी जिंदा होते तो उसे सीएम नहीं बनाते.
एक पुराना किस्सा का जिक्र करते हुए नारायण राणे ने कहा कि 2005-6 में बालासाहेब नए बनाए गए शिवसेना भवन से दशहरा रैली करना चाहते थे. उन्होंने एक बैठक बुलाई और हमलोगों को यह बात बताई. लेकिन अगले दिन सामना में खबर छपी कि रैली शिवाजी पार्क में होगी. उस निर्णय से बालासाहेब को काफी बुरा महसूस हुआ, क्योंकि उनका फैसला बदला गया था.