
अमरावती सांसद ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि जो खंजर भोंकते हैं, कम से कम वे सिद्धांतों की बात न करें. राणा ने ये भी कहा कि उद्धव ठाकरे को देवेंद्र फडणवीस से राजनीति सीखनी चाहिए. ये भी सीखना चाहिए कि राज्य कैसे चलाया जाता है. तो कम से कम सिद्धांतों के बारे में बात न करें.
मुंबई से दिल्ली रवाना होने से पहले नवनीत राणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलकर मामले की शिकायत करूंगी. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट का हमेशा सम्मान किया है और करती आ रही हूं. उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाला हर नागरिक कोर्ट का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि मैंने कल मीडिया से किसी भी अपराध के बारे में बात नहीं की. उन्होंने कहा कि लॉकअप से लेकर अस्पताल तक मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे लेकर मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलूंगी और पूरे मामले की शिकायत करूंगी. उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में थाने में भी शिकायत करूंगी.
मेरे साथ जो हुआ, उसे जनता के सामने लाना जरूरी: नवनीत राणा
नवनीत राणा ने कहा कि मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे जनता के सामने लाना जरूरी है क्योंकि अगर किसी जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी के साथ क्या होगा, इसलिए ये मेरा हक बनता है कि मैं आवाज उठाऊं और ये अधिकार मुझे संविधान से मिला है. मेरा अधिकार मुझसे कोई नहीं छीन सकता है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की पीठ में खंजर भोंकने वाले उद्धव ठाकरे सिद्धांतों की बात न करें. सिद्धांत बाला साहेब ठाकरे के लिए था. जो भी उद्धव ठाकरे के खिलाफ बोलता है, वे उसके खिलाफ कार्रवाई करवाते हैं, घर तोड़वाते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि महाराष्ट्र राज्य को किस तरीके से चलाना चाहिए, किस भावना से चलाना चाहिए ये उद्धव ठाकरे को देवेंद्र फडणवीस से सीखना चाहिए.
रविवार को नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे को दी थी चुनौती
रविवार को नवनीत राणा को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था. डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती देती हूं कि वे महाराष्ट्र में कहीं से भी चुनाव लड़ें और मैं उनके खिलाफ खड़ी होऊंगी.अस्पताल से बाहर आते वक्त उनके हाथ में हनुमान चालीसा दिखी थी. नवनीत राणा ने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मैं 14 दिन तो क्या 14 साल भी जेल में रहने को तैयार हूं.
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