
नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार मराठा आरक्षण के समर्थन में उतर आए हैं. कोल्हापुर में मराठा क्रांति मोर्चा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वो मराठा आरक्षण का समर्थन करते हैं. शरद पवार का यह समर्थन उस समय आया है, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
महाराष्ट्र की राजनीति में जब से बीजेपी की जड़ें मजबूत हुई हैं, तब से एनसीपी के पैरों तले से आधार खिसक गया है. अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में उठी मराठा आरक्षण की मांग से बीजेपी बैकफुट पर है, जबकि शरद पवार और उनकी पार्टी एनसीपी मराठा आरक्षण के जरिए अपनी खोई हुई जमीन को दोबारा से वापस पाने के लिए इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं.
महाराष्ट्र की सियासत में मराठा समुदाय को किंगमेकर माना जाता है. राज्य में मराठा समुदाय के लोगों की आबादी 28 से 33 फीसदी है. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 20 से 22 सीटें और विधानसभा की 288 सीटों में से 80 से 85 सीटों पर मराठा वोट निर्णायक माना जाता है. मराठा समुदाय की मांग पर साल 1960 में अलग महाराष्ट्र राज्य का गठन हुआ था.
महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री रहे यशवंतराव चव्हाण ने उस वक्त कहा था कि ये राज्य मराठी लोगों का है. यहीं से शुरू होती है मराठा के नाम पर राजनीति. राज्य के गठन के बाद से अब तक 12 सीएम मराठा समुदाय से हुए हैं. इससे मराठा समुदाय के वर्चस्व और दबदबे को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है.
महाराष्ट्र की राजनीति को बेहतर ढंग से समझने वाले संजीव चंदन कहते हैं कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं. राज्य में सबसे ज्यादा मराठा समाज के लोग पश्चिम महाराष्ट्र और मराठावाड़ा में रहते हैं. ऐसे में निश्चित रूप से इसका राजनीतिक फायदा भी पवार को ही मिलेगा.