
राजनीति में दिन फिरते देर नहीं लगती. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम रहे छगन भुजबल एनसीपी के लिए बड़ा ओबीसी चेहरा हुआ करते थे, लेकिन महाराष्ट्र सदन घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद पार्टी उनसे किनारा करती दिख रही है. इस बात का इशारा सतारा में खुद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने किया.
मीडिया से बात करते हए पवार ने कहा, 'अगर छगन भुजबल ने कुछ किया है तो उन्हें उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.' वैसे शरद पवार ने ये भी कहा कि अगर सरकार भुजबल के साथ गलत कर रही है तो उसे भी उसकी कीमत अदा करनी पड़ेगी.
वैसे छगन भुजबल की गिरफ्तारी के बाद से ही एनसीपी ने उनसे अपनी दूरिया बढ़ा ली थीं. एक जमाने में शिवसैनिक रहे भुजबल 1999 में एनसीपी के गठन के बाद इसके महाराष्ट्र इकाई के पहले पार्टी अध्यक्ष थे. जिस तरह आदर्श घोटाले में नाम आने के बाद भी अशोक चव्हाण के साथ कांग्रेस खड़ी दिखाई दी. एनसीपी ने ऐसा कुछ नहीं किया. भुजबल के प्रति पवार के रवैये ने कईयों को चौंका भी दिया.
बेटे पंकज पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
बता दें कि 870 करोड़ रुपये के महाराष्ट्र सदन घोटाले में छगन भुजबल का भतीजा समीर भुजबल भी जेल में हैं. इसी मामले में आरोपी उनके बेटे पंकज भुजबल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पंकज के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है और ईडी की टीम पिछले हफ्ते पकंज को ढूढ़ते मंत्रालय तक पहुंच गई थी.
अकेले लड़नी होगी लड़ाई!
दूसरी ओर, ऑर्थर रोड जेल में बंद छगन भुजबल को दो महीने से ज्यादा समय हो चुका है. हाल ही बेहद कमजोर दिख रहे भुजबल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. उस वक्त भी पार्टी की तरफ से ना के बराबर प्रतिक्रिया आई थी और शरद पवार के ताजा बयान से साफ है कि भुजबल को अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ेगी.