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'गद्दार हैं, चाचा की मौत का इंतजार कर रहे थे', अजित पवार पर बरस पड़े ये नेता

जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार को गद्दार बताते हुए कहा कि वो चाचा (शरद पवार) की मौत का इंतजार कर रहे थे. क्या हम किसी बुजुर्ग की मौत का इंतजार करते हैं? जिस बच्चे को चलना सिखाया और उस बच्चे ने चाचा को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया.

अजित पवार पर एनसीपी नेता ने बोला हमला. अजित पवार पर एनसीपी नेता ने बोला हमला.
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 06 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

महाराष्ट्र में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले राज्य की सियासी हलचल तेज हो गई है. इसी बीच एनसीपी (शरद पवार खेमे) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार पर हमला बोला है. उन्होंने अजित पवार को गद्दार बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों से आप क्या प्यार करेंगे. उनपर कैसे भरोसा करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी से हाथ मिलाने वालों पर भला कैसे भरोसा किया जा सकता है?

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कहा- चाचा की मौत का इंतजार...

राकांपा (शरद पवार खेमे) के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार को गद्दार बताते हुए कहा कि वो चाचा (शरद पवार) की मौत का इंतजार कर रहे थे. क्या हम किसी बुजुर्ग की मौत का इंतजार करते हैं? जिस बच्चे को चलना सिखाया और उस बच्चे ने चाचा को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे गद्दारों को जनता जरूर सबक सिखाएगी और इस कृत्य का हिसाब लेगी. 

यह भी पढ़ें: अजित पवार ने शुरू कीं विधानसभा चुनाव की तैयारी, आउटरीच कैंपेन 'जन सम्मान यात्रा' का किया ऐलान

पहले भी बोला है अजित पवार पर हमला

इससे पहले भी जितेंद्र कई बार अजित पवार पर हमला बोल चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि अजित पवार पार्टी पर कब्जा करना चाहते थे, भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे और उसका विलय करना चाहते थे. इसलिए शरद पवार के साथ उन्होंने धोखा किया. आव्हाड ने कहा था कि अजित को पवार परिवार में जन्म लेने के लिए आभारी होना चाहिए जहां उनके साथ अलग व्यवहार किया गया और अपने चाचा के खिलाफ विद्रोह करने के बावजूद उन्हें महत्वपूर्ण पद दिए गए. 

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अजित पवार ने की थी बगावत

2023 में अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों के साथ शरद पवार के खिलाफ बगावत करते हुए बीजेपी से हाथ मिला लिया था - और एकनाथ शिंदे सरकार में भी डिप्टी सीएम बन गये. एनसीपी पर हक की बात आई तो चुनाव आयोग ने अजित पवार के कागज पर ही ओरिजिनल की मुहर लगा दी. चुनाव निशान भी अजित पवार का हो गया. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद तस्वीर बदल गई. महायुति के कमजोर प्रदर्शन के बाद अजित पवार के दबदबे में भी कमी आई हैं. वहीं नतीजों से शरद पवार गुट खुश है.हालांकि, असली परीक्षा विधानसभा को माना जा रहा है. (रिपोर्ट-विक्रांत चौहान)

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