
महाराष्ट्र के खाद्य और औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल ने रविवार को हिंगोली जिले को 'गरीब जिला' कहकर मजाक में की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा कर दिया. इस बयान पर डिप्टी सीएम अजित पवार और बीजेपी मंत्री गिरीश महाजन ने नाराजगी जताई है. जिरवाल, एनसीपी के विधायक हैं और पार्टी प्रमुख शरद पवार के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने हिंगोली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, 'मैं यहां पहली बार बतौर मंत्री और संरक्षक मंत्री आया हूं. मुझे लगा कि यह एक सीमांत और गरीब जिला है. मुंबई लौटकर मैं सीनियर नेताओं से पूछूंगा कि एक गरीब व्यक्ति को गरीब जिले की जिम्मेदारी क्यों दी गई है.' हालांकि, यह बयान मजाक में कहा गया था और वहां मौजूद लोगों ने इस पर हंसते हुए जवाब दिया.
अजित पवार और गिरीश महाजन ने क्या कहा?
अजित पवार ने कहा, 'अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो यह सही नहीं है. हम हर मंगलवार बैठक करते हैं. मैं उनसे इस पर बात करूंगा. अगर कोई गलतफहमी है, तो इसे सुलझाया जाएगा.' बीजेपी मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, 'जिरवाल सीनियर नेता हैं. किसी भी जिले को गरीब या अमीर के रूप में वर्गीकृत करना गलत है. उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था.'
जिरवाल ने दी सफाई
जिरवाल ने बाद में सफाई दी कि उनकी टिप्पणी जिले के विकास से जुड़े मुद्दों पर आधारित थी. उन्होंने कहा, 'हिंगोली में औद्योगिक इकाइयां या सिंचाई और पेयजल सुविधाएं नाममात्र की हैं. मेरी टिप्पणी को निराशा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. मुझे इस जिले में कुछ अच्छा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.'
जिरवाल की टिप्पणी उस समय आई है जब राज्य में संरक्षक मंत्री पदों के आवंटन को लेकर असंतोष की खबरें हैं. इससे पहले, एनसीपी मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा था कि किसी बाहरी व्यक्ति को संरक्षक मंत्री बनाना स्थानीय मुद्दों को सुलझाने में बाधा डाल सकता है. महाराष्ट्र में फिलहाल बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना का महायुति गठबंधन सरकार चला रहा है.