
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में रेप के एक मामले में दोषी को DNA रिपोर्ट के आधार पर सजा सुनाई गई है. मामला 2017 का है, जिसमें कोर्ट ने अब दोषी शख्स को रिश्तेदार के साथ दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुना दी है. इस मामले में खास बात यह है कि आरोपी का दोष DNA रिपोर्ट के आधार पर सिद्ध हुआ है.
आरोपी की उम्र 38 साल तो वहीं पीड़िता की उम्र 24 साल है. जानकारी के मुताबिक मामला 21 अप्रैल 2017 का है. पीड़िता का पति काम के सिलसिले में रात के समय घर से बाहर गया हुआ था. वह अपने बच्चों के साथ घर पर सो रही थी. इस दौरान ही किसी ने उसके मुंह और गर्दन को जोर से दबाया. इस घटना के बाद महिला बेहोश हो गई.
कुछ देर बाद होश आने पर महिला को खुद के साथ दुष्कर्म होने का पता चला. वह तुरंत पड़ोस में रहने वाली अपनी बड़ी बहन के घर गई और उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी. बड़ी बहन ने पीड़िता को रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी. यहां से पीड़िता सीधे निर्मल नगर पुलिस स्टेशन पहुंची और शिकायत दर्ज कराई. थाने में उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ दुष्कर्म करने वाला शख्स कोई और नहीं, बल्कि उसका जीजा ही है. बता दें कि पीड़िता की बहन और उसका पति पड़ोस में रहते थे.
जांच के दौरान पुलिस ने घटना स्थल से उसके कपड़े और एक कंबल जब्त कर लिया. वहीं, डीएनए जांच के लिए आरोपी के खून के नमूने लिए गए. सुनवाई के दौरान महिला ने यह बात स्वीकार की थी कि घटना के वक्त बिजली नहीं थी, जिस कारण पूरे घर में अंधेरा था. हालांकि उसने यह भी कहा था कि वह आरोपी को अच्छी तरह से जानती है, इसलिए अंधेरे में आरोपी की पहचान न कर पाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
अदालत ने देखा कि मेडिकल रिपोर्ट में भी कहा गया है कि महिला के साथ बल प्रयोग हुआ है और उसकी गर्दन पर नाखून के निशान हैं. इसके बाद न्यायाधीश माधुरी देशपांडे ने सीधे डीएनए रिपोर्ट देखी और कहा कि DNA परीक्षण जांच में प्रभाव डालने वाला बड़ा कारक है. परीक्षण की सटीकता के कारण अब इसे वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ स्वीकार कर लिया गया है.