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धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार पर महाराष्ट्र में सियासी संग्राम, बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा मामला

मुंबई से सटे मीरा रोड में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार कार्यक्रम को लेकर महाराष्ट्र में सियासी संग्राम छिड़ गया है और मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. दिव्य दरबार को रोकने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिसके बाद मीरा रोड थाने को नोटिस जारी किया गया है.

धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर सियासी बवाल धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर सियासी बवाल
विद्या
  • मुंबई,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार को लेकर महाराष्ट्र में सियासी संग्राम छिड़ गया है. मुंबई से सटे मीरा रोड में आयोजित होने वाले धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच चुका है. इस मामले को लेकर  कोर्ट की तरफ से मीरा रोड थाने को नोटिस जारी किया गया है.

बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में काला जादू और अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में ये याचिका दाखिल की गई है.

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सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग

याचिका में ड्रग एंड मैजिक एक्ट 1954 और 2013 के काला जादू और मानव बलि के प्रावधान के तहत अवैध और निषिद्ध कार्य (दिव्य दरबार) की अनुमति देने के लिए राज्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.

यह याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में आज ही दाखिल की गई थी जो वरिष्ठ अधिवक्ता नितिन सतपुते ने दायर की थी. उस नोटिस पर आज की तारीख लिखी हुई है. मुंबई से सटे मीरारोड में आज धीरेंद्र सस्त्री का दरबार लगना है जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और लोगों का आना भी शुरू हो गया है.

दरअसल 18 और 19 मार्च को मुंबई के मीरा रोड पर धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम होना है. इसे लेकर कांग्रेस की भवें तनी हुई हैं. कांग्रेस ने चिठ्ठी लिखकर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से अपील की है कि बागेश्वर धाम के इस कार्यक्रम को मंजूरी नहीं दी जाए. वहीं बीजेपी बागेश्वर धाम के समर्थन में आ गई है. 

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कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

जानकारी के मुताबिक 18 मार्च को महादिव्य दरबार लगेगा, जबकि 19 मार्च को दिव्य दर्शन का कार्यक्रम होगा. इसे लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार से मांग की है कि बागेश्वर धाम के इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाए. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम महाराज का अपमान करने वाला बयान देकर लाखों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. 

महाराष्ट्र प्रगतिशील विचारों का राज्य है, जहां अंधविश्वास का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर धीरेंद्र शास्त्री के वसई-विरार के कार्यक्रम की इजाजत दी जाती है, तो इससे कई लोग गुमराह हो सकते हैं. 

वहीं, एनसीपी के विधायक अमोल मितकरी ने कहा कि हमने पहले भी मांग की थी कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के खिलाफ कार्रवाई की जाए. क्योंकि वह अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं. महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा के खिलाफ कानून होने के बाद भी उन्हें परमिशन मिलती है, तो हम उनका विरोध करते हैं. 

उद्धव गुट ने किया कार्यक्रम का समर्थन

इसके उलट उद्धव गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा कि अगर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हो रहा है, तो हम खुशी जाहिर करते हैं. समय-समय पर हमारे महापुरुषों ने ज्ञान दिया है, उसी क्रम में कोई भी हमारे समाज को दिशा देने का काम करता है तो हम हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं

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रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के अलग-अलग हिस्सों से लोग यहां पहुंच रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार कार्यक्रम को लेकर अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने कहा है कि नागपुर में जो दरबार लगाया था उसमें कई कानून तोड़े गए थे जिसकी शिकायत आज मीरारोड पुलिस स्टेशन में की गई है. मीरारोड के पुलिस की जिम्मेदारी है कि अगर कोई अंधश्रद्धा फैला रहा है तो उसे रोका जाए.

 

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