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मुंबई में फेक वैक्सीनेशन के शिकार लोगों की तादाद 2000 के पार, अब तक 8 लोग गिरफ्तार

महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि अब तक करीब 2 हजार लोग फेक वैक्सीनेशन का शिकार हो चुके हैं, शहर में अब तक कम से कम नौ फर्जी शिविरों का आयोजन किया गया और इस सिलसिले में चार अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं.

 फर्जी वैक्सीनेशन के शिकार हुए 2 हजार से अधिक लोग (प्रतीकात्मक तस्वीर) फर्जी वैक्सीनेशन के शिकार हुए 2 हजार से अधिक लोग (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST
  • 2000 से अधिक लोगों को लगी नकली वैक्सीन
  • आरोपियों की तलाश जारी, अब तक 8 गिरफ्तार

मुंबई के कांदिवली हीरानंदानी फर्जी वैक्सीनेशन मामले में कांदिवली पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. चारकोप में स्थित शिवम हॉस्पिटल के दो स्टाफ को गिरफ्तार किया गया है. शिवराज और नीता पठारिया नाम के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस बीच सरकार ने हाई कोर्ट में माना है कि अब तक करीब 2 हजार लोगों को नकली वैक्सीन लग चुकी है.

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महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि अब तक करीब 2 हजार लोग फेक वैक्सीनेशन का शिकार हो चुके हैं, शहर में अब तक कम से कम नौ फर्जी शिविरों का आयोजन किया गया और इस सिलसिले में चार अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं. अब हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार और BMC को नई गाइडलाइन जारी करने को कहा है.

महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक, 25 मई को मलाड में 30 लोगों को फर्जी वैक्सीन लगाई गई. अगले दो दिन बाद ठाणे में 122 और फिर बोरिवली में 514 लोगों को वैक्सीन की डोज़ लगाई गई. BMC के वकील अनिल साखरे ने बताया कि जिस दिन लोगों को फर्जी टीका लगाए गए, उसके कुछ दिन बाद में तीन अलग-अलग अस्पतालों के नाम पर प्रमाण-पत्र जारी किए गए.

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महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि पुलिस ने अब तक 400 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और अभी तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और निगम अधिकारियों को इस बीच पीड़ितों में फर्जी टीकों के दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए उनकी जांच करवाने के लिए कदम उठाने चाहिए.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, ‘हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि टीका लगवाने वाले इन लोगों के साथ क्या हो रहा है. उन्हें क्या लगाया गया और फर्जी टीके का क्या असर पड़ा?’ इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 जून तय की गई है. तब तक महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी को अपना जवाब दाखिल करना है.

 

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