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पालघर केस: SC ने की महाराष्ट्र पुलिस की खिंचाई, जांच रिपोर्ट तलब

पालघर केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई महीने हो गए हैं, आपने पुलिसकर्मियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की? मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

पालघर में दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी पालघर में दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST

  • पुलिस के खिलाफ जांच रिपोर्ट तलब
  • चार्जशीट को भी रिकॉर्ड पर लाने का आदेश

सुशांत सिंह मामले के बाद पालघर मामले में जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप क्या कर रहे हैं? पुलिस के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई महीने हो गए हैं, आपने पुलिसकर्मियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की? मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस के खिलाफ जांच रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को चार्जशीट को रिकॉर्ड पर लाने का आदेश दिया. इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह देखना चाहिए कि इस मामले में जांच कैसे की गई है. सीबीआई जांच तभी की जाए जब कोर्ट राज्य सरकार की जांच से संतुष्ट न हो.

पालघर मॉब लिंचिंगः महाराष्ट्र पुलिस ने SC में दाखिल किया जवाब, CBI जांच का किया विरोध

इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर केस की जांच सीबीआई या एनआईए को सौंपने का विरोध किया था. पुलिस ने कहा था कि अभी जांच चल रही है. हम जांच की डिटेल सार्वजनिक नहीं कर सकते. महाराष्ट्र पुलिस ने जांच की डिटेल भी सीलबंद करके सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी.

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क्या है मामला

महाराष्ट्र के पालघर में 16-17 अप्रैल की रात को गुजरात जा रहे दो साधुओं की चालक समेत भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिसकर्मियों के सामने घटी इस घटना में लापरवाही सामने आने पर कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी हुई थी.

इस मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 27 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में ले लिया था.

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