
महाराष्ट्र के नासिक में शुक्रवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हो गया. यहां ट्रक से टकराने के बाद यात्री बस आग का गोला बन गई. इस हादसे में एक बच्चे समेत 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 38 बस यात्री घायल हो गए. वहीं, हादसे में बाल-बाल बचे यात्रियों ने उस दर्दनाक मंजर का आंखों देखा हाल बयां किया. उन्होंने बताया कि कैसे उन लोगों की जान बाल-बाल बच पाई...
महिला यात्री अनीता चौधरी ने बताया, बस में सभी यात्री सोए हुए थे. तभी हमें तेज आवाज सुनाई दी कि बस में आग लग गई है. किसी तरह मैं अपनी बेटी के साथ बाहर निकलने में कामयाब रही. हम भाग्यशाली हैं कि हम बच गए. हमारी नींद तुरंत ही खुल गई, इसलिए हम दरवाजे की तरफ भागे और जल्दी से बाहर निकल गए. अगर नींद नहीं टूटती तो हम भी जलकर मर जाते.
यवतमाल के रहने वाले एक अन्य यात्री पिराजी धोत्रे ने बताया, मैं अपने चाचा के साथ बस में यात्रा कर रहा था. हम लोग दुर्घटना होते ही जल्दी से बस से बाहर निकल आए. तब तक बस में आग लग चुकी थी. मेरे एक चाचा को हादसे में चोटें आई हैं. हादसे का वो मंजर बेहद भयानक था. अभी भी उसे याद करके डर लग रहा है.
11 लोगों की हादसे में मौत, 38 घायल
बताया जा रहा है कि लग्जरी बस औरंगाबाद से नासिक की ओर जा रही थी. तभी रास्ते में बस नंदुर नाका पर ट्रक से जा टकराई. इसके बाद बस में आग लग गई. इस हादसे में 11 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं 38 लोग घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
PM और CM ने किया मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मुआवजे का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नासिक में बस हादसे से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं. पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है. सीएम शिंदे ने साथ ही ये निर्देश भी दिए हैं कि घायलों को सरकारी खर्च पर तत्काल बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने हादसे की वजह जानने के लिए जांच के भी आदेश दे दिए हैं.