
मुंबई के दिंडोशी सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली निवासी आदित्य पंडित को जमानत दे दी, जिसे पिछले महीने 25 वर्षीय एयर इंडिया पायलट सृष्टि तुली की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. बताया गया था कि आदित्य सृष्टि का बॉयफ्रेंड था और वे दोनों रिलेशनशिप में थे.
प्रॉसिक्यूशन ने दलील दी थी कि यह हत्या का भी मामला हो सकता है और चूंकि गंभीर आरोप हैं इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. आरोपी की ओर से पेश वकील अनिकेत निकम ने दलील दी कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बनता ही नहीं है.
'इसका मतलब यह नहीं कि उसका कोई आपराधिक इरादा था'
उन्होंने कहा कि आरोपी मृतक पायलट का बॉयफ्रेंड था. आत्महत्या करने से ठीक पहले सृष्टि ने अपनी मां से बात की थी और एफआईआर से पता चलता है कि वह बिल्कुल नॉर्मल लग रही थी. सिर्फ इसलिए कि उन दोनों के बीच कुछ झगड़े हुए थे, इसका मतलब यह नहीं कि आदित्य का कोई आपराधिक इरादा था.
'सृष्टि एक पढ़ी-लिखी महिला थी'
वकील ने कहा कि उकसाने के आरोप को साबित करने के लिए यह दिखाना जरूरी है कि मृतक के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था. मौजूदा मामले में ऐसा नहीं था. वह एक पढ़ी-लिखी महिला थी. अगर वह रिलेशनशिप से नाखुश थी, तो वह हमेशा के लिए इससे बाहर निकल सकती थी या अगर उसे आरोपी द्वारा परेशान किया जा रहा था, तो वह इसकी शिकायत कर सकती थी.
'न शिकायत, न कोई सुसाइड'
उन्होंने कहा कि न तो पहले कोई शिकायत की गई थी और न ही कोई सुसाइड नोट मिला, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आदित्य ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया. निकम ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष द्वारा अब हत्या का जो पहलू सामने रखा जा रहा है, वह टिकाऊ नहीं है क्योंकि रिमांड पेपर्स में भी ऐसा कोई उल्लेख नहीं था.