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'उद्धव सरकार गिराने की ढाई साल से चल रही थी प्लानिंग,' बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल का दावा

BJP नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा- ढाई साल से कह रहा था कि हमारी सरकार आएगी, ऐसा कहने के लिये मैं पागल नहीं था. मुझे पता था कि हमारी सरकार आएगी. मैं कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. दरअसल, ढाई साल से हम सरकार लाने की प्लानिंग कर रहा था.

बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल. बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल.
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 08 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:07 AM IST

वरिष्ठ भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए ढाई साल से प्लानिंग चल रही थी. पाटिल यहां पुणे के तिलक स्मारक ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. पाटिल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. जब चुनाव हुए, तब पाटिल के हाथ में ही प्रदेश की कमान थी. हाल ही में पाटिल के मंत्री बनने पर बीजेपी ने चंद्रशेखर बावनकुले को महाराष्ट्र प्रदेश इकाई की जिम्मेदारी दी है.

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चंद्रकांत पाटिल ने आगे कहा- ढाई साल से कह रहा था कि हमारी सरकार आएगी, ऐसा कहने के लिये मैं पागल नहीं था. मुझे पता था कि हमारी सरकार आएगी. मैं कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. दरअसल, ढाई साल से हम सरकार लाने की प्लानिंग कर रहा था.

2019 में चुनाव के बाद एनडीए से अलग हो गए थे उद्धव

बता दें कि महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था. बाद में सीएम पद को लेकर विवाद बढ़ा तो उद्धव ठाकरे ने अलग रास्ता अपना लिया और एनसीपी, कांग्रेस समेत अन्य दलों के समर्थन में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सरकार बना ली थी. ढाई साल बाद शिवसेना में फूट हुई और एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों ने ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी. उसके बाद शिंदे गुट ने बीजेपी से हाथ मिला लिया और राज्य में गठबंधन की सरकार बना ली. 

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फडणवीस को सीएम पद पर देखना चाहते थे पाटिल

30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उसके बाद तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि पार्टी ने भारी मन से देवेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है. हालांकि, बाद में बीजेपी के अन्य नेता आशीष सेलार ने कहा था कि ये पाटिल का अपना रुख नहीं है और ना पार्टी का रुख है. वे सिर्फ सामान्य कार्यकर्ताओं की भावनाओं के बारे में बता रहे थे.

 

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