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साइरस मिस्त्री एक्सीडेंट: 152 पन्नों की चार्जशीट में लापरवाही-ओवरस्पीडिंग को बताया हादसे की मुख्य वजह

सड़क हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत के मामले में पुलिस ने 152 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें लापरवाही और ओवरस्पीडिंग को हादसे की मुख्य वजह बताया गया है. दरअसल, 4 सितंबर 2022 को सड़क हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत हो गई थी. उस हादसे में मिस्त्री के दोस्त जहांगीर दिनशॉ पंडोले भी जीवित नहीं बचे थे.

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री इस गाड़ी में ही सवार थे. (File Photo) टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री इस गाड़ी में ही सवार थे. (File Photo)
दीपेश त्रिपाठी
  • पालघर,
  • 04 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:31 PM IST

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत के मामले में महाराष्ट्र की पालघर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. 152 पन्नों की इस चार्जशीट में एक्सीडेंट के लिए पुलिस ने नेगलिजेंस (लापरवाही) और ओवरस्पीडिंग को मुख्य मुद्दा बताया है. चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि कार चला रहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) डॉक्टर अनाहिता पंडोले ने सिर्फ शोल्डर सीट बेल्ट लगाया था. उन्होंने पेल्विक सीट बेल्ट (बेल्ट के नीचे का हिस्सा) नहीं लगा रखा था.

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4 सितंबर 2022 को सड़क हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत हो गई थी. उस हादसे में मिस्त्री के दोस्त जहांगीर दिनशॉ पंडोले भी जीवित नहीं बचे थे. मिस्त्री Mercedes Benz GLC 220 D 4MATIC में सवार थे. इस कार को मुंबई की गाइनेकोलॉजिस्ट अनाहिता पंडोले चला रही थीं. बगल में उनके पति डेरियस पंडोले बैठे थे.

कार की पिछली सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और जहांगीर दिनशॉ ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था और उनकी मौत की वजह यही मानी गई. जबकि आगे की सीट पर सवार अनाहिता और डेरियस ने सीट बेल्ट पहन रखा था और उनकी जान बच गई थी. लेकिन चार्जशीट में यह स्पष्ट किया गया है कि अनाहिता पंडोले ने पेल्विक सीट बेल्ट नहीं लगाया हुआ था. इस हादसे में अनाहिता और उनके पति डेरियस बुरी तरह घायल हो गए थे.

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हादसे के बाद 108 दिनों तक चले इलाज के बाद 23 दिसंबर 2022 को डॉक्टर अनाहिता पंडोले डिस्चार्ज हुईं थीं. उन्हें सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस हादसे के बाद पालघर पुलिस ने नवंबर में डॉ. अनाहिता के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (ए), 279, 337 और मोटर वाहन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. इन मामलों में दोषी पाए जाने पर उन्हें दो साल तक की जेल हो सकती है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि अनाहिता पंडोले का ट्रैफिक नियम तोड़ने का इतिहास रहा है. 2020 से अब तक कई बार उनके ओवर-स्पीडिंग के लिए चालान काटे जा चुके हैं. पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने कहा था, 'डॉ. अनाहिता कम से कम सात बार तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हुए स्पीड कैमरों में पकड़ी जा चुकी हैं.' उन्होंने कहा कि ये घटनाएं 2020 से लेकर सितंबर 2022 में दुर्घटना के दिन तक की हैं. पुलिस ने कहा था कि उनके खिलाफ ई-चालान को अब चार्जशीट का हिस्सा बनाया जाएगा.

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