Advertisement

पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे के साथ पूजा खेडकर की तस्वीर पर उठ रहे सवाल, पोस्टिंग में बड़े अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा

पूजा खेडकर ने दिवसे के साथ मुलाकात की तब पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पूजा खेडकर के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. उस समय वह पुणे की यशदा संस्था में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर रही थी.

पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे के साथ पूजा खेडकर की तस्वीर पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे के साथ पूजा खेडकर की तस्वीर
ओमकार
  • मुंबई,
  • 16 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST

पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे के साथ पूजा खेडकर की यह फोटो 12 ​​अप्रैल की है. 12 अप्रैल को पूजा खेडकर पुणे कलेक्टरेट गईं और कहा कि मैं जल्द ही प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर ज्वाइन करूंगी. इसके बाद कलेक्टर सुहास दिवसे ने पूजा खेडकर का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया. पूजा खेडकर 3 जून को पुणे के कलेक्टर दफ्तर में शामिल हुईं. लेकिन करीब दो महीने पहले ही उन्हें पुणे में पोस्टिंग मिलने का भरोसा था.

Advertisement

जब पूजा खेडकर ने दिवसे के साथ मुलाकात की तब पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पूजा खेडकर के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. उस समय वह पुणे की यशदा संस्था में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर रही थी. और उनकी पोस्टिंग कहां होगी इसका फैसला अभी नहीं हुआ था. लेकिन पूजा खेडकर ने 1 अप्रैल से सुहास दिवसे को मैसेज करना शुरू कर दिया कि वह पुणे कलेक्टरेट में शामिल हो रही हैं, सुहास दिवसे ने इंडिया टुडे को यह जानकारी दी.

8 अप्रैल को उन्होंने सुहास दिवसे पर फोन कर अपने लिए केबिन और कार की मांग की. 12 अप्रैल को वह कलेक्टर से मिलने कलेक्टर कार्यालय पहुंची. दरअसल, पूजा खेडकर ने 3 जून को पुणे कलेक्टरेट में ज्वाइन किया था.

Advertisement

सिस्टम में बड़े अधिकारियों या राजनेताओं का खेडकर के लिए दबाव था?
महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पूजा खेडकर के साथ 11 अन्य आईएएस अधिकारियों की महाराष्ट्र में ट्रेनिंग को लेकर जीआर जारी किया है. इसमें आईएएस कश्मीरा सांखे को चंद्रपुर मिला. जबकि अमर राऊत को अमरावती में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर प्रशिक्षणार्थी के रूप में पोस्टिंग मिली. लेकिन पूजा खेडकर एकमात्र ऐसी अधिकारी हैं जिन्हें पुणे में होम पोस्टिंग मिली है. इसके लिए सवाल उठता है कि सिस्टम में किन बड़े अधिकारियों या राजनेताओं का खेडकर के लिए दबाव था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement