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ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ीं, सुनवाई में मुंबई कोर्ट ने कही ये बात

आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था. लोन मामले में 2019 से जांच चल रही थी. 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था.

चंदा कोचर और दीपक कोचर चंदा कोचर और दीपक कोचर
विद्या
  • मुंबई,
  • 16 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की पूर्व एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक और वीडियोकॉन प्रमुख वेणुगोपाल धूत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कारण, मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सीबीआई द्वारा मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए जांच के दौरान पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई है."

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विशेष सीबीआई न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर ने कहा, "मौखिक और साथ ही दस्तावेजी सबूतों और आरोप पत्र में आरोपों को देखने पर यह सुरक्षित रूप से अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रथम दृष्टया यह मानने का आधार है कि आरोप अच्छी तरह से स्थापित हैं."

जज ने आगे कहा, "प्रत्येक आरोपी की भूमिका और संलिप्तता विस्तृत, निर्दिष्ट और साक्ष्य के साथ प्रमाणित है. आरोप तथ्यों को छिपाने, लोन स्वीकृत करते समय अनियमितता करने, लोन राशि का दुरुपयोग करने, जिस उद्देश्य के लिए लोन इसे स्वीकृत किया गया था उसे न करके इसका दुरुपयोग करने, सरकारी अधिकारी द्वारा कोचर के पति द्वारा स्थापित कंपनियों के जरिए इनाम के रूप में लोन का कुछ हिस्सा प्राप्त करने, लोन प्रस्ताव में ब्याज को छिपाना आदि आरबीआई द्वारा जारी सर्कुलर का उल्लंघन करना आदि प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड पर स्पष्ट हैं."

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सीबीआई ने चार्जशीट में बनाए हैं 78 गवाह

बता दें कि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सभी 78 गवाह दिखाए हैं, जिनमें आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इलाहाबाद बैंक, आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, बापट वैल्यूअर्स एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कॉरपोरेशन ऑफ तमिलनाडु लिमिटेड (SIPCOT), एजीएम, आरबीआई हेड ऑफिस, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, क्रेडिट एग्रोकोल कॉर्पोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंक, इंडियन बैंक, एसबीआई -स्ट्रेस्ड एसेट्स मैनेजमेंट ब्रांच, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों के बयान शामिल हैं. 

बैंक के दस्तावेज भी कोर्ट में किए गए पेश

सीबीआई के पास यह साबित करने के लिए बैंक के दस्तावेज भी थे, जिनमें वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) का खाता 1033 करोड़ रुपये के बकाया के साथ नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स बन गया. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ अपना मामला साबित करने के लिए आरोप पत्र में लोन की मंजूरी पर आईसीआईसीआई बैंक की नीतियां, क्रेडिट अनुमोदन प्राधिकरण मैनुअल आदि भी संलग्न किया है.

फ्लो चार्ट से चार्जशीट में शामिल

मामले को साबित करने के लिए, अभियोजन पक्ष ने बैंक से कंपनियों और वहां से कई अलग-अलग विभिन्न कंपनियों में पैसे को ट्रांसफर के अपने मामले को साबित करने के लिए फ्लो चार्ट भी दिए हैं. साथ ही यह भी बताया है कि वीडियोकॉन द्वारा कोचर को किस तरह से रिश्वत दी गई थी.

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जज ने सुनवाई के दौरान कहा, "रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के साथ इन सभी फ्लो चार्ट का अध्ययन करने पर फंड ट्रेल के साथ-साथ राशि का वितरण और वीआईएल, सेल और न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) के विभिन्न खातों में फंड के ट्रांसफर का पता चलता है. इसमें सभी आरोपियों की भूमिकाएं शामिल हैं. उपरोक्त उल्लिखित लेन-देन के संबंध में इन दस्तावेजों के आधार पर व्याख्या और प्रदर्शन किया जा सकता है."

क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था. लोन मामले में 2019 से जांच चल रही थी. 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था. जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे "बैंक फ्रॉड" कहा गया. 

सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी है. 

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ऐसे खुला था मामला

बता दें कि ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसमें दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'नूपावर' में अपना पैसा निवेश किया.

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