
पुणे के चर्चित पोर्श केस में नाबालिग आरोपी के पिता को पुणे सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. इस मामले में 10 दिन पहले बहस हुई थी, जिसके बाद पुणे सेशन कोर्ट ने आज जमानत मंजूर कर ली है.
बता दें कि 19 मई को कथित तौर पर नाबालिग आरोपी नशे की हालत में था और काफी स्पीड से पोर्श कार पोर्श कार चला रहा था. इस दौरान कल्याणी नगर इलाके में कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी.
तुरंत मिल गई थी जमानत
हादसे वाले दिन ही नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी और उसे अपने माता-पिता और दादा की देखरेख में रखने का आदेश दिया था. जमानत की एक शर्त यह थी कि उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा. हालांकि, पुलिस ने बाद में बोर्ड के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें जमानत आदेश में संशोधन की मांग की गई थी. 22 मई को बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को हिरासत में लेने और उसे बाल सुधार गृह में भेजने का आदेश दिया था.
माता-पिता भी हुए थे अरेस्ट
इस मामले में 17 वर्षीय लड़के के पिता और रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल और उसकी मां किशोर के ब्लड सैंपल की अदला-बदली से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किए गए थे.
दादा को भी किया था गिरफ्तार
इस मामले में आरोपी के दादा पर ड्राइवर को धमकाने और दबाव बनाने का आरोप लगा था. पुलिस ने कोर्ट में बताया था कि हादसे कि जिम्मेदारी लेने के लिए आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने अपने ड्राइवर गंगाराम पर दबाव बनाया था. इतना ही नहीं उसका अपहरण करके अपने बंगले में कैद कर रखा था. घर से कुछ सीसीटीवी फुटेज बरामद हुए थे, जिससे उनके अपराध की पुष्टि हुई थी.
हादसे के वक्त कहां था ड्राइवर?
हादसे के वक्त ड्राइवर गंगाराम उसी पोर्श कार में मौजूद था, जिसे नाबालिग आरोपी चला रहा था. नशे की हालत में आने के बाद आरोपी कार चलाने की जिद करते हुए ड्राइवर से चाभी मांगने लगा था. इसके बाद ड्राइवर ने आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को फोन करके बताया था कि वो नशे की हालत में है, लेकिन कार चलाने की जिद कर रहा है. ऐसी हालत में कार चलाना सुरक्षित नहीं होगा. लेकिन बेटे की हालत जानने के बाद भी पिता ने ड्राइवर को पोर्श कार की चाबी देने की बात कह दी थी. इसके बाद जब भयानक हादसा हो गया, तो विशाल अग्रवाल ने ड्राइवर को कॉल करके कहा था कि वो इस वारदात की जिम्मेदारी खुद ले ले.
गटकी थी 69 हजार रुपए की शराब
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले अपने दोस्तों के साथ कोजी पब गया था. वहां जब रात 12 बजे के बाद ड्रिंक्स सर्व करना बंद कर दिया गया, तो दोस्तों के साथ मैरिएट पब के लिए रवाना हो गया. जाने से पहले उसने पब में 69 हजार रुपए का बिल दिया. फिर मैरिएट पब में भी 21 हजार की शराब गटक गया. नाबालिग बेटे को कार की चाबी देने के जुर्म में बिल्डर विशाल अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.