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शिवसेना पर स्पीकर का फैसला: पुणे में उद्धव ठाकरे के गुट ने कई जगहों पर किया प्रदर्शन, पुलिस से हुई झड़प 

नतीजे के बाद शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच 'कहीं खुशी कहीं गम' वाली स्थिति बन गई है. नार्वेकर के नतीजे पर नाराजगी जताते हुए उद्धव ठाकरे गुट ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया है. पुणे, पिंपरी के डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर चौक पर उद्धव ठाकरे गुट ने आक्रामक तरीके से सड़क जाम करने की कोशिश की. 

नारेबाजी करते हुए ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई. नारेबाजी करते हुए ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई.
aajtak.in
  • पुणे ,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना और 16 विधायकों की अयोग्यता पर बुधवार को फैसला सुनाया. उन्होंने साफ कहा कि शिवसेना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की है. नतीजे के बाद शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच 'कहीं खुशी, कहीं गम' वाली स्थिति बन गई. 

स्पीकर इस फैसले ने मौजूदा सीएम शिंदे को एक बड़ी राहत दी है. वह कम से कम अगले एक साल तो इस फैसले से सुकून में रहेंगे, वह भी ऐसे समय में जबकि, इस एक साल में लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव होने हैं. 

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उद्धव गुट ने छपवाए नार्वेकर के आपत्तिजनक फ्लेक्स 

नार्वेकर के नतीजे पर नाराजगी जताते हुए उद्धव ठाकरे गुट ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया है. पुणे, पिंपरी के डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर चौक पर उद्धव ठाकरे गुट ने आक्रामक तरीके से सड़क जाम करने की कोशिश भी की गई. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने नतीजे पढ़ते हुए साफ कहा कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की है और उसके 16 विधायक योग्य हैं. 

पांच भागों वाला 1200 पन्ने का फैसला सुनाया 

स्पीकर ने विधानसभा में 1200 पन्ने का अहम फैसला सुनाया, जिसपर देशभर की निगाहें लगी हुई थीं. यह फैसला पांच भाग में है. इसे पढ़ते हुए नार्वेकर ने एक-एक करके फैसले पर तर्क दिए और उनका आधार बताया. सबसे पहले ग्रुप में सुप्रीम कोर्ट में सुभाष देसाई वाले मामले का जिक्र है. कौन सा गुट असली या मूल है, जिसका व्हिप मान्य होगा. 

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18 महीने पहले शिंदे ने कर दी थी बगावत 

बताते चलें कि करीब 18 महीने पहले शिंदे समेत 39 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके चलते 57 साल पुरानी पार्टी शिवसेना में विभाजन हो गया था और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. इस घटना के बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं.

पुलिस के साथ हुई कार्यकर्ताओं की हल्की झड़प 

इस नतीजे के बाद देश और प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. एक ओर जहां उद्धव ठाकरे गुट के शिवसैनिक यह कहते हुए आक्रामक हो गए हैं कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की है. वहीं, पिंपरी-चिंचवड़ के डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर चौक पर उद्धव ठाकरे गुट के शिवसैनिकों ने नार्वेकरों के खिलाफ नारेबाजी कर सड़क जाम करने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और उद्धव ठाकरे गुट के शिवसैनिक आमने-सामने आ गए और हल्की झड़प हो गई. 

इनपुट- श्रीकृष्ण पांचाल 

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