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पुणे में दो और गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस की पुष्टि, शहर में अब तक 15 संक्रमित

जीका वायरस के लक्षण बेहद आम हैं. इनमें शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ना, बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द शामिल है. जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नहीं मिलते.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
ओमकार
  • पुणे,
  • 09 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

पुणे में दो और गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे शहर में कुल मामलों की संख्या 15 हो गई है. पिछले हफ़्ते में ही नौ नए मामलों की पुष्टि हुई है. पुणे में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पुणे नगर निगम स्थिति पर नजर रख रहा है, उसने कुल 109 सैंपल टेस्टिंग के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) प्रयोगशाला में भेजे हैं. हाल ही में भेजे गए नमूनों में से 16 गर्भवती महिलाओं के थे.

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संक्रमित महिलाओं में से एक सिंहगढ़ रोड इलाके में रहती है और मौजूदा समय में 12 सप्ताह की गर्भवती है. येरवडा में रहने वाली दूसरी महिला 7 सप्ताह की गर्भवती है. दोनों की हालत स्थिर बताई गई है. एक पुरुष में भी जीका वायरस की पुष्टि हुई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले दिनों जीका वायरस को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की जांच और जीका से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी के जरिए लगातार नजर रखने को कहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे कैंपस को एडीज मच्छरों से मुक्त रखें. साथ ही निगरानी और कार्रवाई करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए.

एडवाइजरी में राज्यों को रेसिडेंशियल एरिया, वर्कप्लेस, स्कूल, कंस्ट्रक्शन साइट, इंस्टीट्यूशन और हेल्थ फैसिलिटी वाली जगह पर निगरानी को मजबूत करने और वेक्टर कंट्रोल एक्टिविटीज को तेज करने के लिए कहा गया है.

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यह वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमणों को फैलाने के लिए भी जाना जाता है. इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1947 में युगांडा में हुई थी.

गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस भ्रूण में माइक्रोसेफली (एक ऐसी स्थिति जिसमें असामान्य मस्तिष्क विकास के कारण सिर काफी छोटा हो जाता है) का कारण बन सकता है.

क्या है लक्षण?
जीका वायरस के लक्षण बेहद आम हैं. इनमें शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ना, बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द शामिल है. जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नहीं मिलते.

क्या है जीका वायरस? 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. एडीज मच्छरों के काटने से ही डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी फैलता है. ये तीनों वायरस लगभग एक जैसे ही हैं. इन तीनों के फैलने की शुरुआत पश्चिम, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया से हुई. जीका वायरस गर्भवती महिला से गर्भ मे पल रहे बच्चे में फैलता है.

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