Advertisement

रायगढ़ लैंडस्लाइड में अबतक 16 मौतें, 24 घंटे बाद भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन, बारिश बढ़ा रही मुसीबत

महाराष्ट्र के रायगढ़ में लैंडस्लाइड से भीषण तबाही का मंजर देखने को मिला था. यहां एक पूरा का पूरा गांव लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया था. लोगों को बचाने का कार्य जारी है. हालांकि, राहत बचाव कार्य में तमाम तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं.

Raigad Rescue Operation Underway (PTI) Raigad Rescue Operation Underway (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:02 AM IST

मुंबई से सटे रायगढ़ की एक दुर्गम पहाड़ी पर स्थित  इरशालवाड़ी गांव लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया था. घटना की खबर सामने आते ही रेस्क्यू टीमें लोगों के बचाव के लिए उस पहाड़ी पर पहुंचीं. कल शाम खराब मौसम और अंधेरे की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था. हालांकि, आज (शुक्रवार) सुबह से एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा चलाया गया है. मौसम विभाग की मानें तो आज भी रायगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट है. ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ सकती है. 

Advertisement

रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रहीं ये परेशानियां
इरशालगढ़ गांव पर बुधवार रात करीब ग्यारह बजे पहाड़ टूटकर गिरा और पूरा का पूरा गांव लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया. तब से ही यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बुधवार रात से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन आज शुक्रवार सुबह तक जारी है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हजार रेस्क्यूकर्मी जुटे हुए हैं जिसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ इलाके के सैंकड़ों पर्वतारोही भी शामिल हैं. 

रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल बचावकर्मियों का कहना है कि ऊपर हालात बेहद विषम हैं. उन्होंने बताया कि लैंडस्लाइड की वजह से पहाड़ी पर मलबे का ढेर है और उस मलबे को कहां हटाया जाए इसको लेकर बचावकर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, लगातार हो रही बारिश के चलते भी पहाड़ी पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला पाना मुश्किल हो रहा है. 

Advertisement

बताया जा रहा है कि इरशालवाड़ी गांव में करीब 48 परिवार और 46 घर थे. मलबे में कितने लोग फंसे हैं इसका सटीक अंदाजा मुश्किल हो रहा, लेकिन माना जा रहा है कि करीब 50 से 100 के बीच लोग मलबे में हो सकते हैं. इस लैंडस्लाइड की घटना में अबतक 16 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. 

पहाड़ी पर ही किया जाएगा मृतकों का अंतिम संस्कार
इरशालवाड़ी तक रास्ता एक खड़ी चढ़ाई से होकर जाता है. वहीं, इस चोटी पर चढ़ने में करीब दो से ढाई घंटे लगते हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए ही प्रशासन ने फैसला किया है कि सभी मृतकों का अंतिम संस्कार ऊपर चोटी पर ही किए जाएगा. बता दें, महाराष्ट्र के सीएम राहत बचाव के कार्य का जायजा लेने खुद घटनास्थल पर पहुंचे. यहां सीएम ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और पीड़ितों को हर संभव मदद की बात कही. सीएम एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे का ऐलान भी किया. साथ ही, ये भी कहा कि इस घटना में घायल हुए लोगों का इलाज सरकार द्वारा करवाया जाएगा. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement