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'व्हाट्सएप पर नहीं पढ़ें इतिहास', औरंगजेब की कब्र पर विवाद के बीच बोले राज ठाकरे

मनसे चीफ राज ठाकरे ने औरंगजेब से जुड़ी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें पानी के स्रोतों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन हमें औरंगजेब की कब्र की चिंता है?" उन्होंने कहा कि इतिहास का अध्ययन सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से किया जाना चाहिए. 

मुंबई में MNS की गुड़ी पड़वा रैली में राज ठाकरे. (फोटो- पीटीआई) मुंबई में MNS की गुड़ी पड़वा रैली में राज ठाकरे. (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 31 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:44 AM IST

महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे ने मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे को लेकर राज्य बढ़ रहे साम्प्रदायिक तनाव पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि इतिहास को धर्म और जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. 

मुंबई के शिवाजी पार्क में वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भ्रामक ऐतिहासिक नैरेटिव और व्हाट्सएप संदेशों के प्रति आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि इतिहास का अध्ययन सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से किया जाना चाहिए. 

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राज ठाकरे ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र पर विवाद पैदा करने के राजनीतिक प्रयासों की आलोचना की. इस कारण नागपुर में हिंसा हुई. 

ठाकरे ने ऐसी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें पानी के स्रोतों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन हमें औरंगजेब की कब्र की चिंता है?" उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का शिकार होने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, "लोगों को इतिहास के नाम पर लड़ाया जा रहा है और राजनेता संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों का फायदा उठाते हैं."

औरंगजेब शिवाजी नामक एक विचार को मारना चाहता था

ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि मुगल शासक औरंगजेब ने मराठों से लड़ते हुए महाराष्ट्र में 27 साल बिताए, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कुचलने की कोशिश की लेकिन आखिरकार असफल रहा.

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उन्होंने कहा, "औरंगजेब शिवाजी नामक एक विचार को मारना चाहता था," राज ठाकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज के निधन के बावजूद, औरंगजेब उनकी विचारधारा को मिटाने के असफल प्रयास में महाराष्ट्र में रहा. उन्होंने दर्शकों को याद दिलाया कि शिवाजी के बेटे संभाजी महाराज ने आगरा से भागने पर औरंगजेब के बेटे को शरण भी दी थी. 

हमने इस राजा को मार डाला

औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने सुझाव दिया कि वहां एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए, जिस पर लिखा हो, "हमने इस राजा को मार डाला."

उन्होंने शिवाजी महाराज द्वारा मारे गए बीजापुर के सेनापति अफजल खान की कब्र का भी मसला उठाया. राज ठाकर ने कहा कि यह शिवाजी की अनुमति के बिना नहीं बनाई जा सकती थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐतिहासिक घटनाओं को सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किए जाने के बजाय उनके उचित संदर्भ में समझा जाना चाहिए. 

क्या आपने विक्की कौशल की वजह से संभाजी को जाना?

फिल्मों से इतिहास का ज्ञान प्राप्त करने वालों पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा, "फिल्म देखने के बाद जागृत महसूस करने वाले हिंदू किसी काम के नहीं हैं. क्या आपने विक्की कौशल की वजह से संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में या अक्षय खन्ना की वजह से औरंगजेब के बारे में सीखा?" 

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वे हाल ही में आई ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म छावा का जिक्र कर रहे थे, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन को दर्शाया गया है. 

ठाकरे ने धार्मिक और जाति आधारित राजनीति की वर्तमान स्थिति की भी आलोचना की और तर्क दिया कि भारत की प्रगति केवल धर्म पर आधारित नहीं हो सकती. तुर्की को एक ऐसे राष्ट्र का उदाहरण देते हुए जिसने खुद को सुधारा, उन्होंने कहा, "धर्म आपके घर की चारदीवारी के भीतर ही रहना चाहिए. एक हिंदू की पहचान हिंदू के रूप में तभी होती है जब मुसलमान सड़कों पर उतरते हैं या दंगों के दौरान; अन्यथा, हिंदू जाति से विभाजित होते हैं."
 

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