
महाराष्ट्र स्थित रत्नागिरी के राजापुर में बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग एक मस्जिद के गेट को पेड़ के तने से धकेलने की कोशिश करते नजर आए थे. इस घटना के बाद, पुलिस ने नारेबाजी और अवैध रूप से भीड़ लगाने के लिए एफआईआर दर्ज की है. यह घटना कोकण क्षेत्र में होली के दौरान होने वाली वार्षिक शिमगा जुलूस का हिस्सा बताई जा रही है.
राजापुर पुलिस के मुताबिक, यह जलूस हर साल राजापुर गांव से शुरू होकर दो किलोमीटर दूर धोपेश्वर मंदिर तक जाता है. जुलूस में एक लंबे लकड़ी के तने, जिसे मदाची मिरवणूक कहते हैं - लेकर जुलूस निकाला जाता है. यह जुलूस जवाहर चौक पर स्थित मस्जिद से होकर गुजरता है.
यह भी पढ़ें: ड्रोन से निगरानी, तिरपाल से ढकी गई मस्जिदें...होली पर पुलिस छावनी में बदला संभल!
जुलूस के दौरान हुआ विवाद
कहा जाता है कि पारंपरिक रूप से, यह तना मस्जिद की सीढ़ियों पर रखा जाता है, लेकिन इस वर्ष कुछ लोगों ने मस्जिद के गेट को धकेलने की कोशिश की. इस घटना के बाद नारेनबाजी भी हुई, हालांकि स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया.
कुडाल के विधायक और शिवसेना नेता निलेश राणे ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि इस वर्ष मस्जिद का गेट बंद था, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि मीडिया और कुछ राजनेता स्थिति को बढ़ाचढ़ाकर पेश कर रहे हैं, जबकि रत्नागिरी में स्थिति शांतिपूर्ण है.
एआईएमआईएम के नेता क्या बोले
एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद पर हमला होना शर्मनाक है." वहीं, वकील ओवैस पेखकर ने पुलिस अधीक्षक को लिखी चिट्ठी में घटना की निंदा की और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने इस घटना को हिंदू-मुस्लिम एकता पर आघात बताया है.
यह भी पढ़ें: होली-जुमा एक साथ: शहर-शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, मस्जिदों में नमाज का समय बदला
पुलिस की कार्रवाई
राजापुर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 135 के तहत अवैध जमावड़ा के लिए एफआईआर दर्ज की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और दावा किया है कि झूठी अफवाह फैलाने वाला वीडियो हटा दिया गया है. फिलहाल रत्नागिरी में स्थिति शांतिपूर्ण है और कोई कानून व्यवस्था भंग नहीं हुई है.