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'धर्म के नाम पर उत्पीड़न इसकी समझ की कमी के कारण हुआ', अमरावती में बोले मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का अनुचित और अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है. धर्म के नाम पर दुनियाभर में होने वाले सभी उत्पीड़न और अत्याचार वास्तव में धर्म को लेकर गलतफहमी और समझ की कमी के कारण हुए.

आरएसएस मोहन भागवत (फाइल फोटो) आरएसएस मोहन भागवत (फाइल फोटो)
धनंजय साबले
  • अमरावती,
  • 22 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धर्म के नाम पर होने वाले सभी उत्पीड़न और अत्याचार, धर्म की गलतफहमी और समझ की कमी के कारण हुए. महाराष्ट्र के अमरावती में 'महानुभाव आश्रम' के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म महत्वपूर्ण है, और इसे उचित तरीके से पढ़ाया जाना चाहिए.

मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का अनुचित और अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है. धर्म के नाम पर दुनियाभर में होने वाले सभी उत्पीड़न और अत्याचार वास्तव में धर्म को लेकर गलतफहमी और समझ की कमी के कारण हुए.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने धर्म की सही शिक्षा और इसके महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि धर्म का अपूर्ण और अनुचित ज्ञान अधर्म को जन्म देता है, इतिहास गवाह है कि धर्म के नाम पर जो भी अत्याचार हुए, वे वास्तव में धर्म की गलत समझ और इसकी अपर्याप्त जानकारी के कारण हुए.

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उन्होंने कहा कि धर्म का सही और समग्र ज्ञान ही मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. मोहन भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि धर्म के सिद्धांतों को सही तरीके से समझाया और सिखाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धर्म की अधूरी समझ मानवता के लिए घातक है, धर्म का उद्देश्य मानव कल्याण है.

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